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सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा: पुश्तैनी दुकानों के विवाद में भतीजे ने मारी थीं ताऊ को गोलियां

आगरा में शाहगंज के भोगीपुरा में अधिवक्ता महान मुद्गल के पिता राम बहादुर मुद्गल की हत्या में पुलिस ने दो नामजद आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें एक आरोपी मृतक का भतीजा शिवांशु उर्फ शिवांक मुद्गल और दूसरा आरोपी चचेरा भाई तारकेश्वर मुद्गल हैैं। पुलिस का कहना है कि शिवांशु ने ही राम बहादुर को गोली मारी थीं। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली है। हत्याकांड के पीछे पुश्तैनी दुकानों पर कब्जे का विवाद है।
गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
दो नवंबर की शाम को भोगीपुरा में राम बहादुर मुद्गल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में मृतक के बेटे महान मुद्गल ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें 11 लोगों को नामजद किया था। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित और थाना शाहगंज पुलिस को लगाया था। शनिवार को शाहगंज से हत्यारोपी शिवांशु मुद्गल और तारकेश्वर उर्फ विष्णु को गिरफ्तार किया। उनके पास से एक पिस्टल, एक तमंचा और चार कारतूस बरामद किए। इसी पिस्टल से गोली चलाई थी। गोली शिवांशुने मारी थीं।

एसएसपी के मुताबिक, पूछताछ में शिवांशु ने बताया कि रामबहादुर उनके ताऊ थे। रामबहादुर और उनके परिजनों ने भोगीपुरा स्थित उनकी दुकानों पर कब्जा कर लिया था। इसको लेकर कई बार विवाद हुआ। दीवानी परिसर में भी महान से उनकी कहासुनी हुई थी। दूसरे चाचा तारकेश्वर की दुकानों पर भी कब्जा जमा लिया था। पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इससे परेशान होेकर ही घटना की।
हत्यारोपियों के निशाने पर वो थे
मृतक के बेटे महान मुद्गल ने कहा कि दुकानें उनकी पुश्तैनी जमीन पर बनी हैं। अवैध कब्जे के लिए सैयद उर्फ शानू मदद कर रहा है। उसने दुकानों के फर्जी कागजात तैयार करा दिए हैं। किरायेदारी की फर्जी रसीद भी आरोपी काट रहे हैं। दुकानें वक्फ बोर्ड की जमीन पर दिखाने का प्रयास किया जा रहा था। मगर, आरोपी उनकी पैरवी की वजह से अपने मंसूबे में सफल नहीं हो पा रहे हैं। हत्यारोपियों के निशाने पर वो थे। पिता भूसे की टाल पर बैठे थे। संयोग से वह दूर चले गए थे। इस पर पिता की हत्या कर दी।
नामजद आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पूरी घटना को अंजाम दिया।
शिवांशु मुद्गल उनका चचेरा भाई है। वह ताजगंज क्षेत्र में रहने वाले अपने रिश्तेदार से हथियार लेकर आया था। नामजद आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पूरी घटना को अंजाम दिया। पुलिस गहनता से जांच करे तो सब कुछ सामने आ सकता है। कॉल डिटेल खंगाली जाए। पुलिस ने अभी सभी आरोपी नहीं पकड़े हैं। ऐसे में उनकी और परिवार की जान को खतरा है। दो दिन पुलिस घर के बाहर रही। इसके बाद पुलिस फोर्स हटा ली गई। इस कारण वो घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहे हैं।
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आगरा में शाहगंज के भोगीपुरा में अधिवक्ता महान मुद्गल के पिता राम बहादुर मुद्गल की हत्या में पुलिस ने दो नामजद आरोपियों को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें एक आरोपी मृतक का भतीजा शिवांशु उर्फ शिवांक मुद्गल और दूसरा आरोपी चचेरा भाई तारकेश्वर मुद्गल हैैं। पुलिस का कहना है कि शिवांशु ने ही राम बहादुर को गोली मारी थीं। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली है। हत्याकांड के पीछे पुश्तैनी दुकानों पर कब्जे का विवाद है।

गोली मारकर हत्या कर दी गई थी

दो नवंबर की शाम को भोगीपुरा में राम बहादुर मुद्गल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में मृतक के बेटे महान मुद्गल ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें 11 लोगों को नामजद किया था। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित और थाना शाहगंज पुलिस को लगाया था। शनिवार को शाहगंज से हत्यारोपी शिवांशु मुद्गल और तारकेश्वर उर्फ विष्णु को गिरफ्तार किया। उनके पास से एक पिस्टल, एक तमंचा और चार कारतूस बरामद किए। इसी पिस्टल से गोली चलाई थी। गोली शिवांशुने मारी थीं।