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आगरा में बढ़ते प्रदूषण का असर: धूल-धुएं से 940 लोग हुए बीमार, दो मरीजों को पड़ा अस्थमा अटैक, सेहत का रखें ख्याल

देश का सबसे प्रदूषित शहर होने पर इसका असर लोगों पर भी पड़ा। एसएन और जिला अस्पताल में सोमवार को मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। ओपीडी में आए कुल 4881 मरीजों में से धूल-धुएं के शिकार 940 बीमार लोग पहुंचे। इनमें एसएन में 1734 मरीजों में से 506 और जिला अस्पताल के 3147 में से 434 मरीजों ने नाक में खुजली, गले में खराश, आंखों में जलन बताई। सांस, दमा और टीबी के मरीजों की मर्ज बिगड़ी मिली। सांस उखड़ने के साथ तेज खांसी से बुरा हाल हो गया। सात मरीज भर्ती करने पड़े। दो अस्थमा अटैक के मरीज रहे।

रातभर घर्र-घर्र, तेज खांसी के साथ बलगम में खून

एसएन की वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि ओपीडी में आए 206 मरीजों में से दमा, सांस और टीबी के 172 मरीज रहे। इन्होंने  सीने में जकड़न, रात भर घर्र-घर्र होना, बेचैनी, खांसी बताई। दमा-सांस और टीबी के मरीजों में धूल-धुएं से सांस नली में सूजन, फेफड़ों में संक्रमण बढ़ा हुआ मिला। तेज खांसी, बलगम में खून भी मिला। दो को अस्थमा अटैक भी पड़ गया।

आंख में जलन, पानी आ रहा, कॉर्निया पर जख्म

एसएन के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु यादव ने बताया कि ओपीडी में 97 मरीज देखे, जिसमें से धूल-धुआं आंखों में जाने से 33 को आंख में जलन, पानी आना, खुजली होने की परेशानी मिली। जलन पर बच्चों ने जलन होने पर उसे रगड़ दिया, जिससे कॉर्निया पर जख्म हो गए और लाल पड़ गई।

नाक में खुजली, गले में हो रही है खराश

एसएन के ईएनटी रोग विभाग के डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि 112 मरीजों में 32 मरीजों के धूल-धुआं गले में पहुंचने पर गले में खराश, दर्द होना, सूजन की परेशानी मिली। नाक में खुजली और बार-बार छींकें भी आ रही हैं। जुकाम भी हो रहा है। इनमें बच्चों की संख्या लगभग आधी है।

बच्चों की सांस फूली, सूज गए टोंसिल

एसएन के बाल रोग विभाग की डॉ. मधु नायक ने बताया कि ओपीडी में 107 बच्चे देखे, इनमें से 37 बच्चों के प्रदूषण के चलते बीमार हो गए। दमा पीड़ित बच्चों के सांस नहीं ले पाए, रातभर रोते रहे, टोंसिल भी सूज गए हैं। जुकाम-खांसी और की भी परेशानी मिली। दो बच्चों को भर्ती किया है।

हाथ-गर्दन में खुजली, हुई त्वचा एलर्जी

एसएन के त्वचा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यतेंद्र चाहर ने बताया कि 287 मरीजों में से 96 मरीजों में धूल-धुआं के चलते त्वचा की एलर्जी मिली। इसे स्किन एलर्जी कहा जाता है, इसमें धूल-कार्बन तत्व त्वचा की ऊपरी सतह पर चिपक जाने से खुजली शुरू करते हैं। लगातार खुजाने से लाल चकत्ते पड़ गए।

जुकाम-खांसी के साथ सांस भी उखड़ी

मेडिसिन विभाग के डॉ. टीपी सिंह ने बताया कि 324 मरीज देखे गए, इसमें से 136 को प्रदूषण के चलते परेशानी हुई। इनमें जुकाम-खांसी के साथ सीने में जकड़न बताई। बताया कि तीन-चार दिन से परेशानी होने से रात में सो भी नहीं पा रहे। इनमें जांच कराने पर नली में सूजन और फेफड़ों में भी परेशानी मिली। इनमें से तीन मरीजों को भर्ती कराया है।

सुबह-शाम बाहर न टहलें

– दमा रोगी इन्हेलर लें।

– सांस रोगी दवा का डोज बढ़वाएं

– शाम को गर्म पानी की भाप लें।

– गुनगुने पानी से गरारे करें।

– सुबह-शाम न टहलें।

– सुबह-शाम घर की खिड़की बंद रखें।

– मास्क लगाकर बाहर जाएं।

– आसपास पानी का छिड़काव करें।

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