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11 टोल प्लाजा, 13 इंटरचेंज, 100 किमी स्पीड… पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतरने से पहले वे 10 बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए

हाइलाइट्सपूर्वांचल एक्सप्रेस वे कई सुविधाओं से है लैस, राजधानी से सीधी कनेक्टिविटी301 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस वे पर साढ़े तीन घंटे में पूरी होगी यात्राएक्सप्रेस वे के जरिए गाजीपुर से दिल्ली तक जाने में लगेंगे 10 घंटेलखनऊ
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे प्रदेश विकास की गति को भी तेज करने वाला साबित होने वाला है। राज्य सरकार की ओर से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के बाद अब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर काम करना शुरू हो गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 301 किलोमीटर लंबा राजमार्ग होने जा रहा है। सात पुल, 18 फ्लाइओवर के साथ एक्सप्रेस वे पर एक हवाई पट्‌टी भी है।

एक्सप्रेस वे पर 11 टोल टैक्स बनाए गए हैं। अगर आप इस एक्सप्रेस वे पर अपनी यात्रा की शुरुआत करना चाहते हैं तो आपको इन व्यवस्था को ध्यान में रखना होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकार (यूपीडा) की ओर से विकसित किए जा रहे छह लेन वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर 13 इंटरचेंज का निर्माण कराया गया है।

11 स्थानों पर टोल टैक्स की व्यवस्था
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर 11 स्थानों पर टोल लगेगा। हालांकि, अभी इस एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स नहीं लगाए जाने की बात कही गइ है। भविष्य में निजी एजेंसी के माध्यम से टोल टैक्स की वसूली की जाएगी। यूपीडा की ओर से छह स्थानों पर टोल प्लाजा और पांच रैंप प्लाजा का निर्माण किया गया है।

सुल्तानपुर में हवाई पट्‌टी का निर्माण
एक्सप्रेस वे पर सुल्तानपुर में हवाई पट्‌टी का निर्माण किया जाएगा। जिले से गुजरने वाले एक्सप्रेस वे के 3.2 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में भारतीय वायु सेना के विमान को उतारने के लिए हवाई पट्‌टी का निर्माण किया गया है। इस हवाई पट्‌टी पर वायु सेना के विमानों की आपात लैंडिंग की अनुमति दी जाएगी। सेना के आधुनिक विमान यहां पर उतरेंगे और उड़ान भर सकेंगे।

इन इलाकों से गुजरेगा एक्सप्रेस वे
301 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर चांद सराय गांव से शुरू होगा। यह बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर और मऊ से होकर गुजरेगा और गाजीपुर के हैदरिया गांव में समाप्त होगा। एक्सप्रेस वे गाजीपुर से लखनऊ के बीच यात्रा के समय को आधा से भी कम कर देगा। अभी इस यात्रा में 10 घंटे का समय लगता है, जो अब घटकर साढ़े तीन से चार घंटे के बीच रह जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी से होगी सीधी कनेक्टिविटी
एक्सप्रेस वे जिन शहरों से गुजर रहा है, उन शहरों से राष्ट्रीय राजधानी के लिए सीधी कनेक्टिविटी भी हो जाएगी। एक बार पूरा होने पर, यह गाजीपुर से दिल्ली तक केवल 10 घंटे की ड्राइव होगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहले से ही नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को गाजीपुर से बिहार को जोड़ने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है।

100 किलोमीटर अधिकतम स्पीड
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए वाहनों की स्पीड लिमिट निर्धारित कर दी गई है। इस एक्सप्रेस वे पर वाहनों को 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक स्पीड से चलाने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रकार वाहनों को चलाने के समय में इस बात को ध्यान में रखना होगा। निश्चित तौर पर अधिकतम स्पीड लिमिट को पकड़ने की कोशिश वाहन चालकों की ओर से की जाएगी। लग्जरी वाहन चालकों को इस प्रकार की व्यवस्था की गई है।

हादसों को रोकने के लिए विशेष इंतजाम
एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए कई विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। हादसे का कारण बनने वाले पशुओं को रोकने के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ फेंसिंग की गई है। आवारा पशुओं को रोकने के लिए कई टीमों को एक्सप्रेस वे पर तैनात किया गया है।

एंबुलेंस की रहेगी तैनाती
दुर्घटना की स्थिति में लोगों का जीवन बचाने के लिए विशेष इंतजाम किया गया है। दुर्घटना की स्थिति को ध्यान में रखकर हर पैकेज में लाइफ सपोर्ट सिस्टम युक्त दो-दो एंबुलेंस तैनात की गई है। सैनिक कल्याण बोडी की ओर से भी एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। 20 पेट्रोलिंग वाहन तैनात किए गए हैं। क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं।

आठ पैकेज में हुआ है काम
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का काम आठ पैकेज में काम पूरा कराया गया है। एक्सप्रेस वे के तहत 18 फ्लाइओवर का निर्माण किया गया है। इसके अलावा सात रेलवे ओवरब्रिज और सात लंबे पुल का निर्माण कराया गया है। वहीं, ब्रेक फ्री ट्रैफिक के लिए 118 छोटे पुल, 271 अंडरपास और 502 पुलिया भी बनाई गई है।

10 किलोमीटर की दूरी तक के गांव होंगे कनेक्ट
एक्सप्रेस वे के निकट के 10 किलोमीटर की दूरी तक के गांव को कनेक्ट किया जा रहा है। इससे गांव के लोगों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। एक्सप्रेस वे के गांवों का भी इससे विकास हो सकेगा। इसके अलावा प्रदेश की राजधानी व राष्ट्रीय राजधानी से भी कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी।

व्यवसायिक गतिविधियों में आएगी तेजी
एक्सप्रेस वे के चालू होने के बाद इसके किनारे व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी। यह भी उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में एक्सप्रेस वे को छह से आठ लेन का किया जा सकता है। इससे किनारे में बनने वाले व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को लॉजिस्टिक सप्लाई सिस्टम को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

कई सुविधाओं से लैस है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे