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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक क्षेत्र विकास को झटका, सर्किल रेट से चार गुने दाम पर भी किसान नहीं दे रहे जमीन

चंद्रकांत मौर्य, बाराबंकी
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्यौगिक क्षेत्र की स्थापना कर उद्योगों लगाने की परिकल्पना को गहरा झटका लगा है। इसकी वजह एक्सप्रेसवे की शुरुआत से पहले ही इसके चारों ओर जमीनों की कीमतों में अभूतपूर्व इजाफा होना है। यूपी स्टेट इंडस्ट्रीज डिवेलपलमेंट अथॉरिटी (यूपीसीडा) के अफसरों ने गांवों का दौरा कर राजधानी लखनऊ और सुलतानपुर की सीमा को छूते इलाकों में औद्यौगिक विकास क्षेत्र की अवस्थापना के लिए जमीनों के अधिग्रहण की संभावना तलाशी तो किसानों ने अपनी जमीनें ही देने से इंकार कर दिया है।

दरअसल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण प्रारंभ होने के समय से ही राजधानी से सटे बाराबंकी की सीमा में औद्यौगिक अवस्थापना क्षेत्र विकास स्थल पर मंथन शुरु हुआ था। माना जा रहा था कि ऐसा करके एक साथ दो क्षेत्रों में यूपी को आगे ले जाया जा सकेगा। पहला राजधानी लखनऊ से बिहार की सीमा तक के जिलों का आवागमन आसान होगा।

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दूसरा, राजधानी में जमीनें नहीं हैं। लिहाजा 50-60 किलोमीटर की बाराबंकी सीमा में औद्यौगिक क्षेत्र की अवस्थापना कराके उद्योगों की स्थापना करवाकर विकास को गति दी जाएगी। राज्य में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। इसके लिए यूपीसीडा को जमीन तलाश की जिम्मेदारी दी गई थी। औद्यौगिक क्षेत्र विकास के लिए चार वर्ग किलोमीटर की परिधि की जमीन की जरूरत थी।

अफसरों की मंशा थी कि यह स्थल ऐसे स्थान पर चुना जाए जहां पर राज्य सरकार की परती, उसर, बंजर आदि की जमीनें ज्यादा हो और कुछ प्रतिशत जमीन आसपास के किसानों से खरीद ली जाएगी। काफी मशक्कत के बाद बाराबंकी की हैदरगढ़ तहसील में एक्सप्रेसवे के किनारे पारा, भिखरा और कबूलपुर में बमुश्किल जमीनें देखी गई पर वहां पर सरकारी जमीनें न के बराबर थी।

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यूपीसीडा के अफसरों ने किसानों से जमीनों को बेचने को लेकर बातचीत की तो वह सर्किल रेट से चार गुना कीमत पर भी जमीनें देने का राजी नहीं हुए। अफसरों का मानना है कि चार गुना से भी ज्यादा पर जमीनें खरीदकर उसे उद्यमियों को बेचना मुश्किल भरा कार्य होगा। प्रॉजेक्टों की लागत बढ़ जाएगी। ऐसे में यूपीसीडा ने कम से कम बाराबंकी में अपने प्लान को ड्रॉप कर दिया है। अब एक्सप्रेस-वे के आगे के जिलों में ऐसी संभावना पर विचार शुरू किया गया है।

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पिछले सात सालों से बंद पड़ी नगर के जहांगीराबाद रोड की राज्य कताई मिल लिमिटेड की 70 एकड़ जमीन को खरीदने का यूपीसीडा ने प्लान तैयार किया है। यूपीसीडा ने इसके लिए राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है। शासन से मंजूरी मिलने पर यूपीसीडा औद्यौगिक क्षेत्र का विकास करेगा। फिर वहां पर उद्यमियों को सस्ती जमीन देकर उद्योग स्थापना में मदद की जाएगी।

सांकेतिक तस्वीर