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इंतजार खत्म: शिव के आंगन में आज विराजेंगी मां अन्नपूर्णा, काशी विश्वनाथ धाम में सीएम करेंगे प्रतिमा की अगवानी

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार की देर रात श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और दुर्गाकुंड में मां अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का जायजा लिया। सीएम ने मां कूष्मांडा के दरबार में दर्शन-पूजन के बाद मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के विश्राम स्थल का निरीक्षण किया।

सौ वर्षों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। सोमवार को माता अन्नपूर्णा बाबा विश्वनाथ के आंगन में विराजेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की अगवानी करेंगे। सुबह से ही मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजन शुरू हो जाएगा। दिल्ली से आई माता की प्रतिमा के सोमवार को नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह स्वागत की तैयारियां की गई हैं। कनाडा से देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा 108 साल बाद बनारस लौटी है।

जगह-जगह पुष्प वर्षा, डमरू दल, घंटा घड़ियाल बजाकर माता की रास्ते भर आरती उतारी जाएगी। मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्थापना यात्रा रविवार रात जौनपुर पहुंची। यहां मां का भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले शनिवार देर रात यात्रा अयोध्या पहुंची। रविवार सुबह चार बजे श्रीराम जन्मभूमि में रामलला के दरबार में मां अन्नपूर्णा को विराजित कर पूजा-अर्चना की गई।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को रविवार को अंतिम रूप दिया गया। मंदिर प्रशासन ने बाबा विश्वनाथ के ईशान कोण में माता के मंदिर को भव्य स्वरूप में सजाया है। मंदिर परिसर में सुबह छह बजे से ही पूजन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

दिल्ली से 11 नवंबर को रवाना होने के बाद काशी पहुंचने के दौरान मां की प्रतिमा अलीगढ़, लखनऊ, अयोध्या, जौनपुर समेत यूपी के 18 जिलों से गुजरी। हर जिले में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का भव्य स्वागत किया गया। 15 नवंबर को सुबह दुर्गाकुंड मंदिर से माता की प्रतिमा निकलेगी और गुरुधाम चौराहा, विजया मॉल, ब्राडवे होटल, मदनपुरा, गोदौलिया होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माता की आरती उतारकर उनकी अगवानी करेंगे।
पढ़ेंः वाराणसी में सीएम योगी: काशी विश्वनाथ धाम का लिया जायजा, बोले- तय समय में गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराएं निर्माण कार्य

मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के स्वागत के लिए जिले की सीमा पर लोग देर रात तक इंतजार करते रहे। जैसे ही माता की प्रतिमा का रथ शहर की सीमा में पहुंचा, पूरा वातावरण हर-हर महादेव के जयघोष के साथ गूंज उठा। मां के दर्शन के लिए रविवार की रात श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी।

देर रात तक जगह-जगह पुष्प वर्षा हुई। विलंब से पहुंचने के बावजूद देवी के दर्शन के लिए लोग धैर्यपूर्वक खड़े रहे। भाजपा व कई सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों ने मां अन्नपूर्णा के भव्य स्वागत के लिए पंडाल व मंच व्यवस्था के साथ भजन-कीर्तन भी किया। दुर्गाकुंड स्थित मंदिर में कलाकार रातभर माता के स्वागत में भजन-कीर्तन करते रहे।

दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के रात्रि विश्राम की व्यवस्था का अधिकारियों ने जायजा लिया। एडीएम सिटी गुलाब चंद्र के नेतृत्व में एसीएम तृतीय गिरीश चंद्र द्विवेदी ने तैयारियों को परखा। मूर्ति स्वागत समिति से जुड़े अक्षयवर सिंह ने बताया कि मूर्ति उत्तर दिशा स्थित (कुंड की तरफ) बरामदे में पश्चिमाभिमुख रखी जाएगी।

दर्शनार्थी पश्चिम दिशा में रखी गई सीढ़ी के सहारे बरामदे में प्रवेश करके माता की प्रतिमा का दर्शन करेंगे और दर्शन के बाद दक्षिण दिशा की ओर स्थित पक्की सीढ़ी से नीचे उतर जाएंगे। एडीएम सिटी व एसीएम तृतीय ने बताया कि जहां मूर्ति रखी जायेगी वहां बैरिकेडिंग की गई है।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा। स्वागत समिति के संयोजक प्रमोद कुमार मिश्र के अनुसार मंदिर में इस दौरान रात भर विभिन्न भजन मंडलियां माता की स्तुति में भजन प्रस्तुत करेंगी। अगले दिन गाजे बाजे के साथ मूर्ति की शोभायात्रा निकाली जाएगी।

बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 18वीं सदी की बताई जाती है। मां एक हाथ में खीर का कटोरा और दूसरे हाथ में चम्मच लिए हुए हैं। प्राचीन प्रतिमा कनाडा कैसे पहुंची, यह राज आज भी बरकरार है। लोगों का कहना है कि दुर्लभ और ऐतिहासिक सामग्रियों की तस्करी करने वालों ने प्रतिमा को कनाडा ले जाकर बेच दिया था। काशी के बुजुर्ग विद्वानों को भी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा के गायब होने की जानकारी नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर 2020 को मन की बात कार्यक्रम में देश के लोगों को मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा कनाडा में मिलने की जानकारी दी थी। कहा था कि हर एक भारतीय को यह जानकर गर्व होगा कि मां अन्नपूर्णा की सदियों पुरानी प्रतिमा कनाडा से भारत वापस लाई जा रही है। यह करीब 108 साल पहले वाराणसी के एक मंदिर से चोरी हुई थी।
करीब 100 साल बाद अपने धाम लौट रही मां अन्नपूर्णा के आगमन को जौनपुर के लोगों ने अपनी श्रद्धा से ऐतिहासिक बना दिया। मां के दर्शन के लिए रविवार की रात श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी। देर रात तक जगह-जगह पुष्प वर्षा हुई। माता के दर्शन को हर कोई बेताब नजर आया।

कई घंटे विलंब से पहुंचने के बावजूद देवी के दर्शन के लिए लोग धैर्यपूर्वक खड़े रहे। मूर्ति का जगह-जगह लोगों ने दर्शन किया। स्वागत समारोहों और श्रद्धालुओं की पुष्प वर्षा के बीच मां अन्नपूर्णा पुनर्स्थापना यात्रा का लोग घंटों इंतजार करते रहे। भाजपा व कई सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों ने मां अन्नपूर्णा के भव्य स्वागत के लिए पंडाल व मंच व्यवस्था के साथ कीर्तन-भजन भी किया।
पढ़ेंः वाराणसी आ रही मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा: अगवानी के लिए पहुंचे सीएम योगी, बाबा विश्वनाथ के प्रांगन में आज करेंगे प्राण प्रतिष्ठा

सौ वर्षों का लंबा इंतजार खत्म हुआ। सोमवार को माता अन्नपूर्णा बाबा विश्वनाथ के आंगन में विराजेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा की अगवानी करेंगे। सुबह से ही मंदिर परिसर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए आयोजन शुरू हो जाएगा। दिल्ली से आई माता की प्रतिमा के सोमवार को नगर भ्रमण के दौरान जगह-जगह स्वागत की तैयारियां की गई हैं। कनाडा से देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा 108 साल बाद बनारस लौटी है।

जगह-जगह पुष्प वर्षा, डमरू दल, घंटा घड़ियाल बजाकर माता की रास्ते भर आरती उतारी जाएगी। मां अन्नपूर्णा की पुनर्स्थापना यात्रा रविवार रात जौनपुर पहुंची। यहां मां का भव्य स्वागत किया गया। इससे पहले शनिवार देर रात यात्रा अयोध्या पहुंची। रविवार सुबह चार बजे श्रीराम जन्मभूमि में रामलला के दरबार में मां अन्नपूर्णा को विराजित कर पूजा-अर्चना की गई।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां अन्नपूर्णा की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों को रविवार को अंतिम रूप दिया गया। मंदिर प्रशासन ने बाबा विश्वनाथ के ईशान कोण में माता के मंदिर को भव्य स्वरूप में सजाया है। मंदिर परिसर में सुबह छह बजे से ही पूजन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

दिल्ली से 11 नवंबर को रवाना होने के बाद काशी पहुंचने के दौरान मां की प्रतिमा अलीगढ़, लखनऊ, अयोध्या, जौनपुर समेत यूपी के 18 जिलों से गुजरी। हर जिले में मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का भव्य स्वागत किया गया। 15 नवंबर को सुबह दुर्गाकुंड मंदिर से माता की प्रतिमा निकलेगी और गुरुधाम चौराहा, विजया मॉल, ब्राडवे होटल, मदनपुरा, गोदौलिया होते हुए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंचेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माता की आरती उतारकर उनकी अगवानी करेंगे।

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