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UP Election 2022 : चाय पर चर्चा में पीलीभीत का ये मुद्दा काफी हावी रहा, लोगों ने खुलकर चुनावी बात की

पीलीभीत का माहौल इस वक्त गर्म है। इसके दो कारण हैं। पहला चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां जोरशोर से शुरू कर दी हैं तो दूसरा एक दिन पहले एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना को लेकर। गैंगरेप की ये घटना हर किसी के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। ‘ चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आम लोगों के बीच पहुंचा तो लोगों ने इस घटना का जिक्र करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। चाय पर चर्चा के दौरान लोगों ने खुलकर कई मुद्दों पर बात की। कई लोगों ने ये भी कहा कि इस तरह की घटनाओं में पहले के मुकाबले कमी आई है, लेकिन और सुधार की जरूरत है। पढ़िए किसने क्या कहा?
बीएड कर रही शीतल मौर्या ने सुरक्षा का मुद्दा उठाया। एक दिन पहले हुई गैंगरेप की घटना के जरिए असुरक्षा की बात कही। बताया कि एक छात्रा को स्कूल जाते समय किडनैप किया गया और उसका गैंगरेप करके मार डाला गया। हर जगह महिलाएं, बेटियां असुरक्षित हैं। सरकारी स्कूलों की हालत बहुत खराब है।

सरकारी स्कूलों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। बच्चे नहीं पढ़ने आते हैं। जो आते हैं उन्हें शिक्षक कुछ नहीं पढ़ाते हैं। सरकारी शिक्षकों क्यों नहीं अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं? प्राइवेट स्कूलों में क्यों भेजते हैं? अगर उनके बच्चे भी सरकारी स्कूल में ही पढ़ें तो इसमें काफी सुधार हो जाएगा।

व्यापार मंडल के शैलेंद्र ने कहा कि रेप की घटनाएं पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है। माहौल थोड़ा खराब हुआ है। उद्योग व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष शैली अग्रवाल ने गैंगरेप की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसी आपराधिक घटनाओं में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है।
चाय बेचने वाले राकेश कश्यप ने मौजूदा सरकार के कामकाज को लेकर खुशी जाहिर की। कहा कि पहले के मुकाबले शहर में काफी विकास हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत अच्छा काम कर रहे हैं।

चाय पर चर्चा करने आए हरिपाल यादव ने पार्किंग और अतिक्रमण का मुद्दा उठाया। कहा, पार्किंग की व्यवस्था शहर के मुख्य बाजार में होनी चाहिए। लोगों को अतिक्रमण के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। हरिपाल ने ये भी कहा कि चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधि आसानी से मिल लेते हैं, लेकिन चुनाव के बाद उनसे मिलना कठिन हो जाता है।

अंचल गुप्ता ने ट्रैफिक, सड़कों पर अतिक्रमण और स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा उठाया। कहा सड़कों पर अतिक्रमण के चलते ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं। स्वास्थ्य सेवाएं ठीक नहीं है। गरीबों के लिए सरकारी अस्पतालों में बेहतर इंतजाम होना चाहिए ताकि मजबूरन लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में न जाना पड़े।
लक्ष्मीकांत शर्मा ने कहा कि मेरा 70 साल यहीं बीता। पीलीभीत चारों तरफ जंगलों से घिरा हुआ है। यहां का वातावरण आस-पास के जिलों से काफी अच्छा रहता है। यहां के गरीब आदमी के लिए पानी की सप्लाई बहुत खराब है। नाली और बदबूदार पानी गरीबों को मिलता है। जो अमीर है वो समरसेबुल से पानी लेते हैं। अगर सरकार साफ पानी की व्यवस्था कर दे तो काफी अच्छा होगा।

शैली अग्रवाल ने कहा कि लोगों को अब खुद भी जागरूक होना चाहिए। समस्या है तो समाधान भी लोगों को खुद ही करना पड़ेगा। ट्रैफिक और स्वच्छता जैसे तमाम मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
सुशीला देवी आर्या ने महंगाई और किसानों का मुद्दा उठाया। कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है। क्या दो हजार में किसान का गुजारा हो जाएगा? फसल का सही समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। डीजल-पेट्रोल महंगा हो गया है। किसानों को सब्सिडी मिलनी चाहिए। किसानों की सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।
वेट लिफ्टिंग करने वाले महेश कुमार ने कहा कि स्टेडियम में कोच नहीं हैं। पहले संविदा पर भर्ती होते थे, अब जेम पोर्टल के जरिए कर कोच रखे जा रहे हैं।
शिवम कश्यप ने शिक्षा, सड़क और स्वास्थ्य का मुद्दा उठाया। कहा कि जिले में एक ही डिग्री कॉलेज है। अस्पताल में डॉक्टर नहीं है। सड़कें खराब हैं। रोजगार की कमी है। 10वीं शताब्दी की एक मूर्ति चोरी हो गई, लेकिन उसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा। उसे रिकवर करवाकर संग्रहालय में रखवाया जाए।
अनिल मैनी ने कहा कि मौजूदा सरकार में जो हो रहा है, वो अच्छा हो रहा है। गांवों में पुलिस पिकेट की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि रेप जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए।

पीलीभीत का माहौल इस वक्त गर्म है। इसके दो कारण हैं। पहला चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारियां जोरशोर से शुरू कर दी हैं तो दूसरा एक दिन पहले एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप की घटना को लेकर। गैंगरेप की ये घटना हर किसी के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ आम लोगों के बीच पहुंचा तो लोगों ने इस घटना का जिक्र करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। चाय पर चर्चा के दौरान लोगों ने खुलकर कई मुद्दों पर बात की। कई लोगों ने ये भी कहा कि इस तरह की घटनाओं में पहले के मुकाबले कमी आई है, लेकिन और सुधार की जरूरत है। पढ़िए किसने क्या कहा?