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Moradabad news: हत्याकांड में बरी हुए पूर्व सांसद डीपी यादव पर 10 करोड़ की रंगदारी का आरोप, मुरादाबाद में केस

मुरादाबाद
10 नवंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और पूर्व सांसद डीपी यादव को बरी किया। उनके ऊपर महेंद्र भाटी हत्या का आरोप था। बरी होने के पांच दिन बाद ही अब पूर्व सांसद के खिलाफ दस करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में केस दर्ज हुआ है।

पुराने मामले में कोर्ट के आदेश पर मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर लिखी गई है। एफआईआर भी कभी उनके पार्टनर रहे मुरादाबाद के बिल्डर अनिल तोमर ने लिखाई है।

सीबीआई कोर्ट ने दी थी सजा
दरअसल, दादरी के विधायक रहे महेंद्र भाटी की 13 सितंबर 1992 की कई गई हत्या में 15 फरवरी 2015 को सीबीआई कोर्ट ने डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़ को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में केस
अब मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाने में रंगदारी के मामले में दर्ज एफआईआर में पूर्व सांसद डीपी यादव, उनके बेटे कुणाल यादव, उनके अकाउंटेंट रहे हरिओम शर्मा, ठाकुरद्वारा के पूर्व विधायक विजय यादव, जितेंद्र उर्फ बिल्लू, भारत सिंह को नामजद करते हुए आठ धाराएं लगाई गई हैं।

बंटवारे को लेकर हुआ था विवाद
पुलिस के मुताबिक, मुरादाबाद निवासी बिल्डर अनिल तोमर और डीपी यादव ने एक आवासीय प्रोजेक्ट इलेवन ऑर्चिड बनाया था। इसमें बंटवारे को लेकर दोनों में विवाद हो गया था है। डीपी यादव की तरफ से काफी दिन पहले दिन पूर्व विधायक विजय यादव ने अनिल तोमर आदि के खिलाफ एफआईआर लिखाई थी।

17 अक्टूबर 2021 की घटना
अब अनिल तोमर ने कोर्ट से आदेश कारकर डीपी यादव आदि के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई है। बिल्डर ने 17 अक्टूबर 2021 की घटना एफआईआर में दिखाई है। आरोप है कि पूर्व विधायक विजय यादव आदि ने नकाबपोश कार सवार लोगों ने उसे अगवा कर लिया और विडियो कॉल के जरिए डीपी यादव से बात कराई।

हत्या कराने की धमकी देने का आरोप
डीपी यादव पर आरोप है कि उन्होंने 10 करोड़ रुपये की डिमांड पूरी नहीं करने पर हत्या कराने की धमकी दी। एफआईआर में पार्टनरशिप में गड़बड़ी करने, फर्जी हस्ताक्षर से रुपये निकालने और बैंक में भूमि बंधक रखकर धोखे से लोन लेने के आरोप भी लगाया गया है।