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Ram Mandir Construction: अब दिसंबर के बाद ही शुरू होगा पत्थरों के बेस प्लिंथ का निर्माण, राफ्ट फाउंडेशन निर्माण में किया गया परिवर्तन

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अयोध्या
राम मंदिर निर्माण को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए तेजी से काम चल रहा है, लेकिन अब इसमें कुछ बदलाव किया गया है। जिससे इसमें थोड़ी देरी हो सकती है। राम जन्म भूमि मंदिर में पत्थरों का काम अब दिसंबर के बाद ही शुरू होगा। पत्थरों के बेस प्लिंथ के निर्माण में करीब 9 माह का समय लगेगा। इसी लिए अब पत्थरों के तराशने के काम में तेजी लाई जाएगी। दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुई श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की समीक्षा बैठक में यह निर्णय किया गया है।

मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राफ्ट फाउंडेशन के निर्माण में भी तकनीकी टीम से विचार-विमर्श के बाद परिवर्तन किया गया है। अभी तक राफ्ट के ब्लॉक 9 गुणे 9 वर्ग फीट के तैयार किए जा रहे थे। जिसके भीतर का तापमान मानक से ज्यादा रहने के इसमें दरार आने की संभावना रहती थी। अब इसमें तकनीकी परिवर्तन कर इसे 9 गुणे 9 वर्ग फुट का ढाला जाएगा। जिससे यह गड़बड़ी न होने पाए। राफ्ट के ब्लॉक भी अब एक सप्ताह की जगह 21 दिन तक सूखने के बाद खोले जाएंगे। तकनीकी परिवर्तन के कारण राफ्टिंग का काम जो नवंबर में पूरा होना था, वह दिसंबर के अंत में पूरा हो सकेगा।

ज्यादा पत्थरों की पड़ेगी जरूरत
चौपाल ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट की बैठक में अतिरिक्त पत्थरों की जरूरत और इसे तेजी से तराशने की जरूरत पर भी चर्चा हुई। जिसमें बताया गया कि मंदिर के आकार में परिवर्तन और एक मंजिल अतिरिक्त निर्माण के कारण करीब 3 लाख अतिरिक्त पत्थरों की जरूरत पड़ेगी। अब मंदिर की लंबाई 365 गुणे 235 गुणे 161 फीट होने से ग्राउंड फ्लोर में भी अभी तक तराश कर रखे गए 48 हजार घनफुट पत्थर से ज्यादा पत्थर लगेंगे।

एक्सपर्ट की टीम जाएगी तिरुपति मंदिर
मंदिर ट्रस्ट की बैठक मे पर्यटकों की भारी भीड़ के मुताबिक मंदिर श्रद्धालुओं की हर तरह की सुविधा के प्रबंधन पर गंभीर मंथन किया गया। बताया गया कि मंदिर परिसर में रोजाना 7 लाख लीटर पानी की जरूरत पड़ेगी। इसके रेगूलेशन से लेकर बिजली की खपत, पेयजल की व्यवस्था, श्रद्धालुओं के ठहराव आदि पर चर्चा हुई। बैठक में तय हुआ है कि एक्पर्ट टीम तिरुपति बालाजी आदि मंदिरों की व्यवस्था का निरीक्षण करके उसके मुताबिक योजनाएं बनाए। साथ ही पूरे मंदिर परिसर के अन्य प्रोजेक्ट्स का नक्शा बनवाकर जल्द इसे अयोध्या विकास प्राधिकरण से अप्रूव करवाया जाए। जिससे मंदिर के 70 एकड़ परिसर में भी प्रस्तावित योजनाओं पर भी जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जा सके।