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Dev Deepawali: काशी की देव दीपावली को लोगों में उत्साह… प्रति व्यक्ति हर घंटे 4 हजार खर्च कर रहा, बुकिंग फुल

अभिषेक झा, वाराणसी
अगर आप देव दीपावली के दिन काशी के घाटों का नजारा देखना चाहते हैं तो आपको प्रति घंटे के हिसाब से करीब 4000 रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। देव दीपावली के दिन काशी के 84 घाटों पर दीयों से सजावट की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा की दिन माना जाता है कि देवता खुद काशी में दीपावली मनाते हैं।

बीते साल पीएम मोदी भी इस आयोजन का हिस्सा बने थे और सरकारी स्तर पर इसे एक नदी आयोजन के तौर पर आयोजित किया गया था। हालात ये हैं कि इस खास दिन के लिए काशी के घाट को गंगा की लहरों से देखने के लिए लोग मुंह मांगी कीमत देने को तैयार है, लेकिन न तो उन्हें कोई नाव मिल रही है न ही बजरा मिल रहा है। इतना ही नही होटलों के कमरे भी पूरी तरह से फुल हो चुके हैं।

गंगा की लहरों पर सवार होने के लिए खर्च कीजिये 4000 रुपए प्रति घंटा
अलकनन्दा क्रूज संचालित करने वाली कंपनी के डायरेक्टर विकास मालवीय ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि उनके पास पर्यटन मंत्रालय की तरफ से लीज पर मिली दो क्रूज और खुद की एक क्रूज है। कुल तीन क्रूज पर देव दीपावली के दिन करीब 500 लोगों ने बुकिंग कराई है। 12000 रुपये प्रति व्यक्ति की कीमत 3 घंटों के लिए निर्धारित की गई है। अगर विकास मालवीय के आंकड़ों के लिहाज से समझे तो देव दीपावली के दिन बस इन तीन क्रूज़ पर ही 60 लाख रुपये लोग 3 घंटों के लिए खर्च करेंगे। अगर घंटों के हिसाब से देखा जाए तो प्रति व्यक्ति 4000 रुपये सिर्फ देव दीपावली के दिन खर्च करेंगे। सामान्य दिनों में प्रति व्यक्ति आठ सौ से लेकर नौ सौ तक ही क्रूज का भाड़ा तय है।

देव दीपावली के दिन 8000 से ज्यादा छोटी बड़ी नावे उतरती हैं गंगा में
दशाश्वमेध घाट के शिवम गुप्ता बताते हैं कि खास देव दीपावली के दिन काशी के ही नाव नहीं, बल्कि आसपास के जिलों मिर्ज़ापुर, चन्दौली, गाज़ीपुर से भी नाव संचालक नौका संचालन के लिए काशी आते हैं। जहां एक छोटी नाव, जिस पर आम दिनों में 500 से 1000 में लोग अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट तक सफर करते हैं तो वहीं इस बार देव दीपावली के दिन छोटी नाव की कीमत करीब 15000 तक पहुंच चुकी है। करीब 80 फीसदी से ज्यादा छोटी-बड़ी नावों की बुकिंग पूरी हो चुकी हैं। इन छोटे नावों की क्षमता 4 से 6 लोगों की होती है। बड़े बजरे, जो आम दिनों में 6000 से 8000 में बुक हो जाते हैं। इस बार ये 3 लाख तक में बुक हो रहे हैं। इन पर एक बार मे 35 से 40 लोग सवार होते हैं।

लगातार आयोजनों ने होटल व्यवसायियों को दी राहत
त्योहारी सीजन में कोरोना से होटल व्यवसायियों की कमर पूरी तरह से टूट चुकी थी, लेकिन काशी में हो रहे लगातार धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों ने होटल व्यवसायियों को बड़ी राहत दी है। अखिल भारतीय संत समिति और काशी विद्वत परिषद की ओर से आयोजित 3 दिवसीय संस्कृति संसद, फिर उसके बाद 3 दिवसीय काशी उत्सव, फिर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्थापना जैसे आयोजनों ने एक बार फिर से घरेलू पर्यटकों को काशी की ओर आकर्षित किया है।

12 लाख दीयो से रोशन होगी काशी
पर्यटन मंत्री और काशी के शहर दक्षिणी से विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी ने चुनावी साल में आयोजन को भव्य बनाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। शहर में घाट पर आने वाले पर्यटकों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन से लेकर सुरक्षा अधिकारियों को सचेत रहने को कहा गया है। साथ ही अस्सी से लेकर राजघाट तक करीब 7 किमी के दायरे में चौरासी घाटों पर दीयों से सजाने के लिए 120 समितियों को ज़िम्मेदारी दी है। इन समितियों के जिम्मे 12 लाख दीयों से काशी के चौरासी घाटों को रोशन करने की ज़िम्मेदारी दी गई है।