Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

किसान कानून वापस लेने का फैसला: जानिए क्या बोले ताजनगरी के किसान और नेता, ग्रामीण क्षेत्रों में बांटा गुड़

Default Featured Image

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने तीनों किसान कानूनों को वापस लेने के फैसले की जानकारी दी। इसके बाद आगरा में किसानों ने गुड़ बांटकर खुशी व्यक्त की। वहीं किसान नेताओं ने तंज भी कसा।

किसान नेता सोमवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुर्सी के जाने के डर की वजह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को खैरात बाटने लगे हैं। सात सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में शहीद हो गए हैं। उसका जिम्मेदार कौन है। तमाम माताओं बहनों के सिंदूर उजाड़ दिया। कई परिवार उजड़ गए। इसके बारे में कुछ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते।

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर का कहना है कि ये कानून तो वापस ही होना था। क्योंकि ये तो किसानों पर थोपे गए कानून थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बैकफुट पर है। सपा और बसपा ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि सरकार को अब न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्ज दिया जाना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि इस सरकार ने ऐसे कई जनविरोधी फैसले लिए हैं, अब चूंकि चुनाव नजदीक हैं इसलिए दीपावली पर पेट्रोल और डीजल पर रेट कम किए, अब प्रकाश पर्व पर नए कृषि कानून वापस लिए हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी कृषि काननू वापस होने पर हर्ष व्यक्त किया है। नेता कपिल वाजपेई ने बताया कि गुरुद्वारा गुरु के ताल पर एकत्र होंगे और पार्टी का कैंप लगाया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने तीनों किसान कानूनों को वापस लेने के फैसले की जानकारी दी। इसके बाद आगरा में किसानों ने गुड़ बांटकर खुशी व्यक्त की। वहीं किसान नेताओं ने तंज भी कसा।

किसान नेता सोमवीर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुर्सी के जाने के डर की वजह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को खैरात बाटने लगे हैं। सात सौ से ज्यादा किसान आंदोलन में शहीद हो गए हैं। उसका जिम्मेदार कौन है। तमाम माताओं बहनों के सिंदूर उजाड़ दिया। कई परिवार उजड़ गए। इसके बारे में कुछ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलते।

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता कप्तान सिंह चाहर का कहना है कि ये कानून तो वापस ही होना था। क्योंकि ये तो किसानों पर थोपे गए कानून थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बैकफुट पर है। सपा और बसपा ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि सरकार को अब न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्ज दिया जाना चाहिए। विपक्ष का कहना है कि इस सरकार ने ऐसे कई जनविरोधी फैसले लिए हैं, अब चूंकि चुनाव नजदीक हैं इसलिए दीपावली पर पेट्रोल और डीजल पर रेट कम किए, अब प्रकाश पर्व पर नए कृषि कानून वापस लिए हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी कृषि काननू वापस होने पर हर्ष व्यक्त किया है। नेता कपिल वाजपेई ने बताया कि गुरुद्वारा गुरु के ताल पर एकत्र होंगे और पार्टी का कैंप लगाया जाएगा।