कोरोना काल के 20 महीनों के बाद पाइल्स के मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ गई है। डॉक्टर इसकी बड़ी वजह 5-6 घंटे तक बैठे रहने, व्यायाम नहीं करने और बिगड़े खानपान को मान रहे हैं। मरीजों में 25 से 35 साल की उम्र के मरीजों की संख्या करीब 10 फीसदी मिल रही है।
आगरा सर्जंस एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष और सेल्सा अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि शहर में 250 के करीब सर्जन हैं। इन पर औसतन रोजाना अब 40 मरीज तक पाइल्स की परेशानी के आ रहे हैं। कोरोना महामारी से पहले तक मरीजों की संख्या 30 तक रहती थी।
पूछताछ में मरीजों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लगातार पांच-छह घंटे तक टीवी देखने, कंप्यूटर पर काम करने के लिए वह बैठे रहते थे। घर पर रहे तो खानपान अधिक हुआ। अधिक चटपटा भी खाया। इस दौरान व्यायाम छूट गया। चलना-फिरना भी कम हो गया। इससे कब्ज और पेट के विकार बढ़ गए। अब पाइल्स की परेशानी होने लगी है।
कामकाजी लोगों में दिक्कत अधिक
एसोसिएशन के सचिव डॉ. समीर कुमार ने बताया कि लॉकडाउन में पुराने मरीजों का इलाज भी प्रभावित हुआ। उनका मर्ज बिगड़ा मिला। पाइल्स के कुल मरीजों में 35 से 45 साल की उम्र के सबसे ज्यादा करीब 70 फीसदी मरीज हैं। यह कामकाजी हैं, जिनका खाने-पीने और सोने का समय बिगड़ा हुआ है। इससे अपच की परेशानी से पाइल्स की बीमारी लगी।
पानी पिएं, बेहद चटपटा खाने से बचें
– पांच से छह लीटर रोजाना पानी जरूर पीएं।
– तंबाकू खाने से बचें, फास्ट फूड से बचें।
– हरी सब्जी, फल, चपाती, दालें अधिक खाएं।
– बेहद चटपटा, चिकनाईयुक्त भोजन से बचें।
– बार-बार शौच जाएं तो डॉक्टर को दिखाएं।
कोरोना काल के 20 महीनों के बाद पाइल्स के मरीजों की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ गई है। डॉक्टर इसकी बड़ी वजह 5-6 घंटे तक बैठे रहने, व्यायाम नहीं करने और बिगड़े खानपान को मान रहे हैं। मरीजों में 25 से 35 साल की उम्र के मरीजों की संख्या करीब 10 फीसदी मिल रही है।
आगरा सर्जंस एसोसिएशन के निर्वाचित अध्यक्ष और सेल्सा अध्यक्ष डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि शहर में 250 के करीब सर्जन हैं। इन पर औसतन रोजाना अब 40 मरीज तक पाइल्स की परेशानी के आ रहे हैं। कोरोना महामारी से पहले तक मरीजों की संख्या 30 तक रहती थी।
पूछताछ में मरीजों ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लगातार पांच-छह घंटे तक टीवी देखने, कंप्यूटर पर काम करने के लिए वह बैठे रहते थे। घर पर रहे तो खानपान अधिक हुआ। अधिक चटपटा भी खाया। इस दौरान व्यायाम छूट गया। चलना-फिरना भी कम हो गया। इससे कब्ज और पेट के विकार बढ़ गए। अब पाइल्स की परेशानी होने लगी है।
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