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गोतस्करी के नाम पर ये कैसा एनकाउंटर, 7 लोगों को एक ही जगह गोली लगी, एक 16 साल का बच्चा

गाजियाबाद
गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर में गोतस्करों के साथ हुई कथित मुठभेड़ पर सवालिया निशान पहले दिन से ही उठ रहे हैं। अब इस एनकाउंटर के दस दिनों के बाद लोनी सर्किल ऑफिसर की जांच में एक आरोपी के नाबालिग होने की बात सामने आई है। यहां तक कि आरोपी को बाल सुधार गृह की बजाय जेल में डाला गया।

इस मुठभेड़ के विभागीय जांच का आदेश गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार की तरफ से जारी किया गया था। नाबालिग आरोपी के परिवार की तरफ से प्रमाण पेश किए जाने के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम देने वाले एसएचओ राजेंद्र त्यागी के तबादले के बाद सस्पेंड कर दिया गया था।

लोनी CO रजनीश उपाध्याय की जांच रिपोर्ट में बताया गया कि लड़के की उम्र 16 साल है। लेकिन आरोपी एसएचओ राजेंद्र त्यागी की जांच में उम्र 18 साल लिखी थी। जांच में मुठभेड़ की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया गया है। आरोपी पुलिसकर्मी से पूरे मामले के घटनाक्रम को पूछा जा रहा है। पुलिस की तरफ से 16 राउंड गोली चली। इसमें सलमान, सोनू, मुस्तकीम, इंतेजार, बोलर, नजीम और नाबालिग को गोली लगी।

लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र अंतर्गत छठ पर्व के दौरान लोनी बॉर्डर थाना पुलिस और गौ तस्करों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान पुलिस ने 7 गौ तस्करों को घायल होने के बाद गिरफ्तार किया था। सभी कथित गोतस्कर मुसलमान थे और सभी के पैर में एक ही जगह घुटने के पास गोली लगी थी। इसको लेकर सवालिया निशान लग रहा था।

पक्ष में बीजेपी विधायक आए
उधर इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी के पक्ष में लोनी के क्षेत्रीय बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी आ गए। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने उस मुठभेड़ को सही करार देते हुए पुलिस के आला अधिकारियों समेत एसएसपी और भी तमाम सवाल खड़े कर दिए। भाजपा विधायक ने कहा कि एसएसपी ने खुद को बचाने के लिए इंस्पेक्टर को निलंबित किया है।

मामले पर राजनीति तेज हुई
धौलाना विधान सभा से समाजवादी पार्टी के विधायक असलम चौधरी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे लोनी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक को भुगत लेने की धमकी दे रहे हैं। वीडियो में असलम लोनी में 11 नवंबर को पुलिस और गो-तस्करों से हुई मुठभेड़ के लिए भाजपा विधायक को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। पुलिस ने इसे भड़काऊ बयान मानते हुए एफआईआर दर्ज कर लिया है।