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Varanasi News: वाराणसी के गंगा किनारे दहशत में जिंदगी, 20 घरों में आई दरार, DM ने दिए जांच के आदेश

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अभिषेक कुमार झा, वाराणसी
गंगा सफाई के लिए बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का खामियाजा 20 परिवार भुगत रहे हैं। दरअसल, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए नगवां के रविदास पार्क के पास स्थित पम्प हाउस से पाइप लाइन गंगा के किनारे बिछाई गई थी। इस पाइप लाइन से सीवर का गंदा पानी पम्प कर के रमना और सिर गोवर्धनपुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाता है। इस पाइप लाइन को बिछाने के बाद तय मानकों के हिसाब से रेटेनिंग वाल और घाट का पक्कीकरण कराया जाना था, लेकिन हर साल आने वाली बाढ़ और पाइप लाइन में लीकेज की वजह से मिट्टी का कटान हो गया। जिसके बाद से घाट से लगते 20 मकानों में दरार पड़ गई है। कुछ मकान तो इतने खतरनाक हालात में पहुंच गए हैं कि उन लोगों ने अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है।

वहीं, अपने घर से पलायन कर चुके गिरधारी ने बताया कि पाइप लाइन बिछाते समय कहा गया था कि काम हो जाने के बाद पक्कीकरण करा दिया जाएगा। साथ ही रेटेनिंग वाल भी बनाई जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया । लापरवाही की वजह से आज इस कॉलोनी के करीब 20 घर गंगा में कभी भी डूब सकते हैं।

2016 में बिछाई गई पाइप लाइन
गंगा किनारे नगवां के गंगोत्री विहार के लोगों पर प्रशासनिक लापरवाही और बाढ़ ने जबरदस्त कहर ढाया है। गंगोत्री विहार के रहने वाले रामसेवक तिवारी ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि 2016 में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पाइप लाइन बिछाई गई थी। कॉलोनी के पास ही अस्सी नाले के किनारे बने पम्प हाउस से बड़े मोटरों से प्रेशर के साथ प्लांट पर भेजने की योजना थी।

इस प्लांट को अब ट्रायल के आधार पर संचालित करना शुरू कर दिया गया है। जब से इस पाइप लाइन से सीवर का गन्दा पानी भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई है, तभी से लगातार वायब्रेशन होता है। पुराने बिछाए गए पाइप लाइन में भी कई जगह से लीकेज हो रही है। इसी बीच हर साल गंगा का जलस्तर बढ़ने पर ये पूरा घाट का इलाका डूब जाता है । जिसकी वजह से लगतार मिट्टी का कटाव हो रहा था। कई बार अधिकारियों को इस बारे में सूचित भी किया गया, लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नही दिया। बीते कुछ दिनों से लगातार घरों की दीवारों में दरार पड़ गई है और आसपास के करीब 20 घर पूरी तरह से कभी भी गिर सकते हैं।

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डीएम ने कहा- तहसीलदार जांच करके देंगे रिपोर्ट
इस मामले पर जब नगर आयुक्त प्रणय सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गंगा एक्शन प्लान और गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए पाइप लाइन बिछाई गई थी, लेकिन घरों में दरार होने की कोई जानकारी अभी नहीं मिली है। वहीं, इस मुद्दे पर जब जिलाधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि तहसीलदार को जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया। तहसीलदार मौके पर जाकर जांच करेंगे कि यह बाढ़ का असर है या किसी प्रकार की कोई लापरवाही