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कृषि कार्यों में गाय के गोबर को उपयोगी बनाकर रसायनिक खाद पर निर्भरता को कम किया जा सकता है

उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग के सभागार में आज प्रो0 श्याम नन्दन सिंह, मा0 अध्यक्ष, उ0प्र0 गोसेवा आयोग की अध्यक्षता में गो आधारित जैविक कृषि विषयक बैठक आयोजित की गयी, जिसमें श्री विवेक कुमार सिंह, निदेशक कृषि विभाग उ0प्र0, श्री विनय कौशल, सहायक निदेशक कृषि विभाग उ0प्र0 ने प्रतिभाग किया। निदेशक ने गो आधारित जैविक कृषि के महत्व से अवगत कराते हुए बताया कि किस तरह भूमि की उर्वरता बढ़ायी जा सकती है तथा रासायनिक खाद मुक्त जैविक उत्पाद की प्राप्ति की जा सकती है। उन्होंने कृषि विभाग में चल रही योजनाओं के बारे में बताया जिसमें कृषक जैविक कृषि में सम्मिलित होकर लाभ उठा सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि ग्रामीण स्तर पर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सम्बन्धी योजना का व्यापक प्रयोग किया जाता है तो गाय के गोबर को उपयोगी बनाकर उसका उपयोग कृषि के लिए किया जा सकता है तथा रासायनिक खाद पर निर्भरता को भी कम किया जा सकता है। जैविक कृषि को स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने का भी उन्होंने सुझाव दिया जिससे कि जैविक कृषि के विषय में विशेषज्ञ भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और जैविक कृषि के ज्ञान के व्यापक प्रचार प्रसार में भी मदद मिलेगी।
प्रो0 श्याम नन्दन सिंह, अध्यक्ष, उ0प्र0 गोसेवा आयोग ने बताया कि अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए जिससे कि उच्च गुणवत्ता वाले जैविक उत्पादों की फसल तैयार की जा सके। जैविक खाद के निर्माण में मुख्य भूमिका गाय के गोबर की होती है, जिससे गाय के गोबर के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। अध्यक्ष महोदय ने कहा कि कृषि विभाग से समन्वय कर जैविक कृषि के माध्यम से गोवंश को उपयोगी बनाये जाने के क्रम में सफल प्रयास किये जायेंगे। बैठक में एक सेमिनार आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में आयोग के गोसेवा अधिकारी डा0 शिव ओम गंगवार, विशेष कार्याधिकारीगण डा0 प्रतीक सिंह, डा0 नरजीत सिंह, डा0 मुकेश सिंह, श्री अनिल कुमार गुप्ता एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।