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मथुरा की छाता विधानसभा सीट का तिलिस्म तोड़ पाएगी BJP? 30 सालों से कोई भी पार्टी दो बार लगातार नहीं जीती

हाइलाइट्समथुरा की छाता विधानसभा सीट पर जाट-ठाकुर वोटरों का एकाधिकार1992 के बाद से यहां से कोई पार्टी दो बार लगातार चुनाव नहीं जीतीचौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह यहां से बीजेपी के मौजूदा विधायक हैंंएक-एक बार लोकदल, कांग्रेस, BSP के टिकट पर भी जीत चुके हैं चौधरीमथुरा
उत्तर प्रदेश में होने वाले इस बार के विधानसभा चुनाव (UP Chunav news) में मथुरा जिले की छाता (Chhata Vidhansabha Seat) पर नजरें टिकी होंगी। यह सीट बीजेपी के लिए अपनी साख साबित करने का सबसे बेहतरीन जरिया भी बन सकती है…वह इसलिए क्योंकि इस सीट पर 1992 के बाद से रेकॉर्ड है कि यहां से कोई पार्टी दो बार लगातार चुनाव नहीं जीती।

फिलहाल बीजेपी (BJP) के चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह यहां से विधायक हैं। चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह योगी सरकार में डेयरी विकास, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री भी हैं। इस सीट पर जाट-ठाकुर वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। लक्ष्मी नारायण सिंह छाता के दिग्गज नेता माने जाते हैं। बीजेपी में आने से पहले वह एक-एक बार लोकदल, कांग्रेस और बीएसपी के टिकट पर भी यहां से जीत चुके हैं।

ऐसा है जातीय समीकरण, निर्णायक भूमिका में जाट-ठाकुर
आंकड़ों की बात करें तो यहां करीब साढ़े तीन लाख वोटर्स हैं। इनमें 90 हजार वोटों के साथ ठाकुर पहले नंबर पर, 65 हजार वोटों के साथ जाट दूसरे नंबर पर आते हैं। इस सीट पर करीब 45 हजार ब्राह्मण, 35 हजार जाटव, 30 हजार मुस्लिम,15 हजार वाल्मीकि, 15 हजार बघेल और 15 हजार गुर्जर के अलावा 50 हजार से ऊपर दूसरी जातियां हैं। इस तरह देखा जाए तो डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों के साथ जाट-ठाकुर यहां निर्णायक भूमिका में हैं।

चार बार अलग-अलग पार्टियों से जीते हैं मौजूदा विधायक
छाता विधानसभा सीट मथुरा (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) के पांच विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। 1951 में परिसीमन आदेश पारित होने के बाद इस विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1952 में हुआ था। 1952 में यहां से जीते रामहेत सिंह लगातार दो बार चुनाव जीते और 1962 तक विधायक रहे। 1985 में लोकदल प्रत्याशी के तौर पर चौधरी लक्ष्मी नारायण (मौजूदा बीजेपी विधायक) पहली बार जीते थे। 1989 में बीजेपी से किशोरी श्याम जीते। 1993 और 1995 में तेजपाल सिंह (जनता दल) जीते। 1996 में चौधरी लक्ष्मी नारायण कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत गए। 2007 में चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बीएसपी के टिकट पर किस्मत आजमाई और जीत हासिल हुई। मायावती सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया। 2017 के चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चौधरी लक्ष्मी नारायण चौथी बार जीते।