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शहर बढ़ा, सेवाएं नहीं: शहरी कहलाने के नाम पर मिलीं टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर, सीमा विस्तार में दिखा ‘छलावा’, देखिए तस्वीरें

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बीते साल बाबरपुर मुस्तकिल, कलाल खेड़िया, चमरौली, नगला अलबतिया, दहतोरा आंशिक, शास्त्रीपुरम योजना में लखनपुर आंशिक, बाईंपुर मुस्तकिल आंशिक, सुनारी आंशिक, मोहम्मदपुर आंशिक, अवधपुरी कॉलोनी आंशिक, कलवारी आंशिक, औद्योगिक क्षेत्र सिकंदरा, अरतौनी गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल किया गया था। निगम के क्षेत्र में 1612 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई थी। पहले निगम का क्षेत्रफल 14,100 हेक्टेयर था, जो बढ़कर 15,712 हेक्टेयर हो गया है। साल 1982 के बाद हुए इस विस्तार में शामिल इलाकों में विकास कार्य के लिए 123.68 करोड़ रुपये भी खर्च होने थे। लोगों का कहना है कि कोई काम नहीं हुआ। विकास कार्यों की राह ताक रहे हैं।  मंगलवार दोपहर में   की टीम ने नगला अलबतिया, अवधपुरी कॉलोनी और कलवारी में जाकर विकास कार्यों की पड़ताल की। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत में जब क्षेत्र था तब काफी काम हो जाता था। नगर निगम में आने के बाद तो जैसे कार्यों पर ग्रहण ही लग गया है।

स्थानीय निवासी अवधेश कुमार ने बताया कि कई बार निगम दफ्तर में जाकर शिकायत दर्ज कराई है। वहां से कहा जाता है कि कॉलोनी अभी पूरी तरह से हैंडओवर नहीं हुई है। अलबतिया में जर्जर सड़क पर बहता सीवर क्षेत्रीय लोगों के कथन की तस्दीक भी कर रहा था। यही हाल अवधपुरी कॉलोनी का था। यहां सड़क किनारे लगे कूड़े का ढेर लगा था। बदबू के कारण लोग अपने मुंह पर रुमाल रखकर निकल रहे थे। यहीं से बाइक से गुजर रहे विकास शर्मा और मोनू ने बताया कि उनकी यहां रिश्तेदारी है। महीने में एक-आध चक्कर लग जाता है। यहां के हालात बहुत खराब है। विकास कार्य न के बराबर हुए हैं।
हरी सीमा में आने से स्थिति और खराब हो गई है। महीनों से यहां सड़क के लिए लोग परेशान हैं। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। -रविंद्र सिंह, अवधपुरी

सीवर की समस्या बनी हुई है। गंदगी से नालियां अटी पड़ी हैं। सफाई कर्मचारी आते नहीं हैं। निगम में शिकायत भी की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। -आकाश गौतम, अवधपुरी

कूड़े के ढेर के पास से निकलना पड़ता है। बदबू के कारण लोगों ने रास्ता तक बदल दिया है। निगम सीमा में शामिल होने के बाद इलाके में विकास कार्य रुक गए हैं। -मटरूलाल, अलबतिया

ग्राम पंचायत से इलाका शहरी सीमा में शामिल तो हो गया लेकिन विकास कुछ नहीं हुआ। शुरू में लोगों का लगा था कि सुविधाएं बढ़ेंगी लेकिन आज भी स्थिति जस की तस है।  – प्रेम सिंह, अलबतिया

सीमा विस्तार के बाद उन क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए नगर निगम ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। इनमें से कुछ जगह हम काम करा रहे हैं। शास्त्रीपुरम में 14 करोड़ के काम स्वीकृत किए हैं। शासन से धनराशि मिलने के साथ ही सभी जगहों पर बुनियादी सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे। – नवीन जैन, मेयर