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बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री बोले- अभी और घट सकता है डीजल-पेट्रोल, अवध क्षेत्र की 82 में से 70 सीटें जीतेंगे

अयोध्या
बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री वाई सत्या कुमार को यूपी चुनाव के लिए अवध क्षेत्र का चुनाव प्रभारी बनाया गया है। वे अवध क्षेत्र की 82 विधान सभा सीटों पर पार्टी कैडर से वोटरों के मूड का आकलन कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जिसके आधार पर 82 सीटों पर उम्मीदवार का चयन होगा। अयोध्या में प्रवास कर उन्होंने ग्रामीण और शहरी इलाकों का भ्रमण कर यह जानने की कोशिश कि बूथ लेवल कार्यकर्ता मोदी और योगी सरकार की उपलब्धियों को किस नजरिये से आकलन करते हैं।

सत्याकुमार ने आंध्र प्रदेश से छात्र राजनीति से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मे जुड़कर फुल टाइमर के तौर पर काम किया। उसके बाद वे केंद्रीय मंत्री रहे वैकैया नायडू के ओएसडी बने। जब वे वाइस प्रेसिडेंट बने तो भी कुछ समय उनके ओएसडी रहने के बाद संगठन के राष्ट्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिली और अब अवध क्षेत्र की चुनाव प्रभारी की भूमिका निभा रहे हैं। वाई. सत्याकुमार से एनबीटी संवाददाता वीएन दास ने यूपी के चुनावी मोड को लेकर बात की। प्रस्तुत है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-

सवाल- कैसा लग रहा है यूपी चुनाव में बीजेपी का भविष्य? पार्टी के हर बूथ और वोटर तक संपर्क कैसे कर रहे हैं?
जवाब- हमने अपने सर्वे में यह देखा है कि वोटर विकास और माफिया राज से मुक्ति को लेकर योगी सरकार की तारीफ कर रहे हैं। सरकार ने शिक्षा सड़क निर्माण स्वास्थ्य व किसानों के लिए अच्छा काम किया है, जो पार्टी के पक्ष में जा रहा है।

सवाल- कमरतोड़ मंहगाई , किसान आंदोलन, डीजल-पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ी कीमतों को विपक्ष मुद्दा बना रहा है? वोटरों को इसको लेकर क्या जवाब बीजेपी का है?
जवाब- किसान आंदोलन राजनीति प्रेरित है। कानून की वापसी के बाद किसानों के आंदोलन को जारी रखना इसका सबूत है। यूपी में इसका कोई असर नहीं है केवल कुछ पश्चिमी इलाकों को छोड़कर। रही बात मंहगाई की तो डीजल-पेट्रोल की कीमतें और कम होंगी। मंहगाई कम हो रही है। कोविड संक्रमण से उत्पादन विकास सब रुका तो मंहगाई भी बढ़ी।

सवाल- यूपी चुनाव में बीजेपी की मुख्य टक्कर किससे होने जा रही है? सपा-बसपा या कांग्रेस।
जवाब- सपा मोर्चा बनाकर मैदान में उतरने की तैयारी में है, लेकिन वोटरों को तय करना होगा कि क्या वे विकास की गति को बंद कर फिर गुंडाराज चाहते है? वैसे भी प्रदेश जातिवादी और परिवारवाद की राजनीति से ऊब चुका है। हम बीजेपी सपा और बीएसपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले देख रहे हैं, जो चुनाव करीब आते ही बीजेपी की तरफ एक पक्षीय बन जाएगा।

सवाल- सपा अपने को किसानों की हितैषी पार्टी कह रही है। उसका दावा है कि यादव-मुस्लिम और किसान एकमुश्त उसे वोट करेंगे। अन्य दलों से गठबंधन कर बीजेपी को हरा देंगे।
जवाब- अब यूपी के वोटर डबल इंजन की सरकार की विकास की तेजी को नहीं रुकने देना चाहते। उन्हें मालूम हो गया है कि अगर बीजेपी की सरकार यूपी में नहीं बनी तो विकास योजनाओं का क्या हश्र होगा। सपा सरकार ने पहले भी सत्ता में रहते केंद्र की बीजेपी सरकार की योजनाओं मे किस तरह रोड़ा अटकाया था।

सवाल- आखिर बीजेपी के वे प्रमुख मुद्दे क्या हैं, जिन पर चुनाव वैतरणी पार कर लेगी। प्रमुख विकास क्या है? जो वोटरों के जेहन में घर बना चुके हैं।
जवाब- यूपी में 79आटीआई, हर जिले मे मेडिकल कॉलेज, वेलफेयर चिकित्सा, कोविड पर नियंत्रण, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जैसी तमाम योजनाएं हुईं, जिन पर रिकॉर्ड काम हुआ हुआ है। किसानों को खाद-बीज के लिए सालाना आर्थिक मदद के अलावा गन्ना किसानों को 1 लाख 45 हजार करोड़ का भुगतान, जबकि अखिलेश सरकार 5 साल में केवल 78 हजार करोड़ का ही भुगतान किया गया था। माया सरकार में भुगतान की रकम 55 हजार करोड़ ही थी। हमारे मुख्य मुद्दे चुनाव में रहेंगे विकास वेलफेयर करप्शन व गुंडा मुक्त राज।

सवाल- राम मंदिर और अनुच्छेद-370 को बीजेपी के चुनावी सम्मेलनों व रैलियों में बाकायदा पोस्टर लगाकर भाषण का प्रमुख मुद्दा बनाया जा रहा है। फिर क्यों इससे मुख्य मुद्दा बताने से पार्टी कतरा रही है।
जवाब- राम मंदिर और अनुच्छेद-370 पर कार्रवाई लोगों के दिलों में जगह बना चुकी है। इसे केवल ताजा करने की जरुरत है। इतना बड़ा निर्णय केवल बीजेपी के शासन में हो सकता है, यह लोगों को पता है। वैसे भी राम मंदिर राष्ट्रीय सरोकार रखता है। यह बीजेपी का चुनावी मुद्दा कभी नहीं रहा है।

सवाल-कांग्रेस का प्रियंका फैक्टर चुनाव में बीजेपी को कितना प्रभावित करेगा?
जवाब- प्रियंका बहुत पहले से अपने पारिवारिक किले अमेठी और रायबरेली में चुनावी प्रचार करती रहीं हैं। जब वे अमेठी को नहीं बचा सकीं तो प्रदेश में कितना असर दिखाएंगी। इस बार हम रायबरेली सीट पर भी कब्जा बनाने जा रहे हैं। यूपी में कांग्रेस का पूरी तरह सफाया होने जा रहा है।

सवाल- वोटरों तक बीजेपी कैसे पहुंच कर अपनी उपलब्धियों को बता रही है?
जवाब- हमारा पूरा नेटवर्क बना है, जो सक्रियता से काम कर रहा है। बूथ तक की रणनीति बनी है। यात्राओं को शुरू किया जा रहा है। अन्य कार्यक्रमों के जरिये वोटरों तक पहुंचने का कार्यक्रम तय हो गया है। वोटरों तक सीधे संपर्क करने के लिए पन्ना प्रभारी बनाए गए हैं। वोटर लिस्ट के हर पन्नों पर 60 वोटरों के नाम प्रिंट रहते हैं। पन्ना प्रभारी इन 60 वोटरों से संपर्क कर उन्हें सरकार की उपलब्धि का तुलनात्मक ब्योरा पेश कर उन्हें बताएंगे कि उनका व यूपी का विकास केवल बीजेपी ही कर सकेगी।

सवाल- अवध क्षेत्र की 82 में से कितनी सीटें बीजेपी जीतने जा रही है?
जवाब- जो रुझान हमें फीड बैक से मिल रहे हैं, उसके मुताबिक हम 70 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रख रहे हैं। पिछले चुनाव में 82 में से 60सीटें बीजेपी ने जीती थीं।

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