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पहले होना पड़ता था परेशान, अब आसानी से बेच सकते हैं धान

 रायपुर जिले के मंदिर हसौद अंतर्गत ग्राम नकटा में रहने वाले तुलस राम एक छोटा किसान है। एक एकड़ के मालिक किसान तुलस राम को जितनी मेहनत अपने खेत में फसल उगाने के लिए नहीं करना पड़ता था, उससे कहीं अधिक पसीना धान बेचने के लिये करना पड़ता था। अब जबकि सरकार ने किसानों से धान खरीदने की प्रक्रिया आसान बनाई है और अनेक सहूलियतें प्रदान की है तो तुलसराम जैसे छोटे किसानों को धान उपार्जन केंद्रों में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। टोकन मिलने के बाद निर्धारित तिथि को धान लाकर किसान आसानी से धान बेच पा रहे हैं। प्रदेश में धान उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ने से भी किसानों को बहुत राहत मिल रही है।
      किसान तुलसराम ने बताया कि उनका एक एकड़ खेत है। फसल लेने के बाद लगभग 41 बोरा धान बेचने के लिये मंदिर हसौद के धान उपार्जन केंद्र में आया तो उन्हें धान बेचने में ज्यादा समय नहीं लगा। किसान तुलसराम ने यह भी बताया कि कुछ साल पहले किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता था। खासकर छोटे किसानों को धान बेचने में परेशानी आती थी। अभी उन्हें आसानी से टोकन मिल गया और धान भी तुरंत बेच पाया है। तुलस राम ने बताया कि धान उपार्जन केंद्रों में भी किसानों को पीने के लिये पानी तक नसीब नहीं होता था, अब ऐसा नहीं है। उपार्जन केंद्रों में साफ-सफाई होने के साथ पेयजल, लाइट आदि की सुविधा है। किसान राधे यादव ने बताया कि पहले के तुलना में किसानों को अनेक सुविधाएं मिली है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को राशि मिल रही है। किसानों का धान समर्थन मूल्य में खरीदने के साथ उनके कर्ज भी माफ किये गये हैं। समिति के अध्यक्ष श्री प्रताप ठाकुर ने बताया कि उनके क्षेत्र में धान उपार्जन केंद्र में बारदानें की पर्याप्त व्यवस्था है। सरकार द्वारा धान को रखने के लिये चबूतरा भी बनवा दिया गया है। ऐसे में धान के बोरे खराब नहीं हो पायेंगे। उन्होंने बताया कि किसानों की समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास किया गया है। इससे धान बेचने आने वाले किसान राहत महसूस कर रहे हैं