1. मध्याह्न भोजन में अंडे को शामिल करने का अपेक्षित परिणाम क्या है?
हाल ही में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण से पता चला है कि कर्नाटक के सात जिलों – बल्लारी, बीदर, कालाबुरागी, कोप्पल, रायचूर, विजयपुरा और यादगीर में बच्चे उच्च कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित थे। मध्याह्न भोजन में उबले अंडे या केले शामिल किए जाने से, हम बच्चों के पोषण के स्तर में एक स्पष्ट बदलाव की उम्मीद करते हैं और इस तरह, स्कूलों में अधिक उपस्थिति की उम्मीद करते हैं। स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार से बेहतर सीखने के परिणामों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
2. इससे कितने छात्रों के लाभान्वित होने की आशा है?
हमने अनुमान लगाया है कि 14,44,322 छात्रों को इसमें शामिल किया जाएगा। प्रत्येक छात्र को दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक 42 उबले अंडे (या केले) मिलने की उम्मीद है।
3. क्या स्कूलों को खुद अंडे खरीदने के लिए कहा जाता है?
सरकार ने लगभग 11,000 स्कूलों में स्कूल विकास और निगरानी समितियों (एसडीएमसी) को अच्छी गुणवत्ता के अंडे खरीदने और उबालने का निर्देश दिया है। विद्यालय के खाते में समय से व्यय की राशि जमा करा दी जाएगी।
4. सरकार को अतिरिक्त रूप से कितना खर्च होने की उम्मीद है?
इन जिलों के लिए योजना में अंडे को शामिल करने के लिए 39.86 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
5. क्या इस योजना को राज्य भर के स्कूलों में विस्तारित करने की कोई योजना है?
अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं बनी है। हालांकि इन सात जिलों के नतीजों पर बारीकी से गौर किया जाएगा।
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