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चिंता: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से ठिठके कदम तो दो हजार करोड़ का होगा नुकसान, आगरा के व्यापारी परेशान

सार
दिवाली के बाद जिस तरह पर्यटन सीजन की शुरूआत हुई, उससे बड़ी उम्मीदें बंधी थीं। 15 दिसंबर से विदेशी उड़ानों का इंतजार था, पर अब फिर वही दहशत रहेगी। लोग जिस तरह से समझ रहे थे कि कोरोना चला गया, वह फिर से उसी डर के कारण घूमना बंद करेंगे।

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कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभाग इससे निपटने की तैयारी में जुट गए हैं तो कारोबारियों के माथे पर फिर से चिंता की लकीरें हैं। ओमिक्रॉन जिस तेजी से फैल रहा है, उसकी खबरों के कारण अगर पर्यटक और लेदर खरीदारों के कदम ठिठके तो आगरा को दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान इस सीजन में झेलना पड़ सकता है। 
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के विदेशों में तेजी से दस्तक देने से आगरा के जूता निर्यातक और पर्यटन उद्यमियों की परेशानी ये है कि मार्च से दिसंबर तक दोनों ही उद्योगों के लिए पीक सीजन है। निर्यातकों को क्रिसमस से पहले यूरोप और अमेरिका से ऑर्डर मिलते हैं तो वहीं पर्यटकों के लिए दिसंबर की छुट्टियों में घूमने की योजना बनती है। फुटवियर निर्यातकों को 1200 करोड़ रुपये तक का और पर्यटन उद्योग को 800 करोड़ रुपये का नुकसान इस पीक सीजन में उठाना पड़ सकता है। बीते साल भी कोरोना के कारण दोनों उद्योग बुरी तरह से नुकसान झेल चुके हैं। 

सब कुछ ठप हो जाने का अंदेशा
जैसे ही कारोबार पटरी पर आता है, वैसे ही कोरोना का नया वैरिएंट आ जाता है। यूरोपीय देशों में जब क्रिसमस पर बिक्री का समय है, तब नए वैरिएंट के तेजी से बढ़ने से फिर सब कुछ ठप हो जाने का अंदेशा है। इसी आशंका के कारण कारोबार बुरी तरह से प्रभावित होता है। – पूरन डावर, अध्यक्ष, एफमेक

नए वैरिएंट से हर कोई आशंकित 
कोरोना के नए वैरिएंट से हर कोई आशंकित है। ऑर्डर देने वाले से लेकर ऑर्डर लेने वाले तक डर में है कि कहीं लॉकडाउन न लग जाए और फिर सब ठप हो जाए। जनवरी तक ऑर्डर का समय होता है, उस पर असर पड़ेगा ही। जितनी तेजी से विदेशों में इसका असर दिखेगा, उतना तेजी से नुकसान बढ़ेगा। – नजीर अहमद, निर्यातक, एफमेक

अमेरिका और यूरोप में ही मुख्य निर्यात 
अमेरिका और यूरोप में ही मुख्य निर्यात है। इन्हीं जगहों पर कोरोना दो साल से कहर बरपा रहा है। हर किसी के मन में डर है। क्रि समस से पहले नए वैरिएंट के फैलाव से खरीदार दहशत में हैं। अब पूरा बाजार अनिश्चितता के भंवर में फंसा हुआ है। – प्रदीप वासन, निर्यातक, एफमेक
डर है कहीं लॉकडाउन न लग जाए
कोरोना के नए वैरिएंट का सबसे पहला असर तो पर्यटन पर ही पड़ा है। दो साल से विदेशी पर्यटकों का इंतजार कर रहे थे, पर 15 दिसंबर से फ्लाइट खुलने की जगह फिर बंद हो गईं। भारतीय पर्यटकों के सहारे पर्यटन चला, पर अब फिर डर है कि कहीं लॉकडाउन न लग जाए। – राकेश चौहान, अध्यक्ष, होटल एसो.
विदेशी पर्यटकों का इंतजार हुआ लंबा
कोरोना काल में होटलों के खर्चे नहीं निकले तो बंद कर दिए। उनके ताले ही अब तक नहीं खुल पाए थे कि फिर से कोरोना की दस्तक से डर फैल रहा है। सबसे पहले पर्यटक घूमना बंद करते हैं। इस दहशत का असर 15 दिन बाद ही दिखने लगेगा। उड़ानें बंद होने से फिर विदेशी पर्यटकों का इंतजार लंबा हो गया। – संदीप अरोड़ा, अध्यक्ष एटीडीएफ
अब फिर से वही दहशत
दिवाली के बाद जिस तरह पर्यटन सीजन की शुरूआत हुई, उससे बड़ी उम्मीदें बंधी थीं। 15 दिसंबर से विदेशी उड़ानों का इंतजार था, पर अब फिर वही दहशत रहेगी। लोग जिस तरह से समझ रहे थे कि कोरोना चला गया, वह फिर से उसी डर के कारण घूमना बंद करेंगे। यह डर रहा तो इस साल का पर्यटन अब खत्म। दीपक दान, अध्यक्ष, यूपी टूरिस्ट गाइड एसो.
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कोरोना के नए वैरिएंट की दस्तक के बाद स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े विभाग इससे निपटने की तैयारी में जुट गए हैं तो कारोबारियों के माथे पर फिर से चिंता की लकीरें हैं। ओमिक्रॉन जिस तेजी से फैल रहा है, उसकी खबरों के कारण अगर पर्यटक और लेदर खरीदारों के कदम ठिठके तो आगरा को दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान इस सीजन में झेलना पड़ सकता है। 

नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के विदेशों में तेजी से दस्तक देने से आगरा के जूता निर्यातक और पर्यटन उद्यमियों की परेशानी ये है कि मार्च से दिसंबर तक दोनों ही उद्योगों के लिए पीक सीजन है। निर्यातकों को क्रिसमस से पहले यूरोप और अमेरिका से ऑर्डर मिलते हैं तो वहीं पर्यटकों के लिए दिसंबर की छुट्टियों में घूमने की योजना बनती है। फुटवियर निर्यातकों को 1200 करोड़ रुपये तक का और पर्यटन उद्योग को 800 करोड़ रुपये का नुकसान इस पीक सीजन में उठाना पड़ सकता है। बीते साल भी कोरोना के कारण दोनों उद्योग बुरी तरह से नुकसान झेल चुके हैं।