मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से दिल्ली में सेफी पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर उनसे इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के विरूद्ध सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। सेफी के अंतर्गत आने वाले अनेक इस्पात क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों पर निजीकरण की तलवार लटकी हुई है, जिसमें मुख्य रूप से नगरनार इस्पात संयंत्र, नीलांचल इस्पात संयंत्र, राष्ट्रीय इस्पात निगम, विशाखापट्टनम तथा सेल की तीन इकाईयों के निजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों की महत्ता को समझा है और इनके राष्ट्रीय व सामाजिक, शैक्षणिक तौर पर सकारात्मक प्रभाव को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए, छत्तीसगढ़ में स्थित नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध किया है। राज्य शासन ने विधानसभा में संकल्प पारित किया है कि नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण की स्थिति में राज्य शासन इस संयंत्र का अधिग्रहण करेगा। सेफी ने संकल्प पारित किये जाने पर मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद दिया। प्रतिनिधि मंडल ने श्री बघेल से आग्रह किया कि इस्पात क्षेत्र की अन्य सार्वजनिक इकाईयों को निजी हाथों में देने की जगह यदि उनका उचित समायोजन कर दिया जाये तो राष्ट्र को एक अत्यंत ही लाभप्रद कंपनी प्राप्त हो सकता है।
सेफी पदाधिकारियों ने श्री भूपेश बघेल से आग्रह किया कि नगरनार इस्पात संयंत्र, नीलांचल इस्पात संयंत्र तथा वायजैक इस्पात संयंत्र एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं। यदि तीनों कंपनियों का मर्जर कर एक कंपनी बनाया जाये, तो इस कंपनी के पास दो उन्नत इस्पात संयंत्र, प्रचुर मात्रा में लौह अयस्क तथा निर्यात के स्वयं के बंदरगाह की उपलब्धता रहेगी, जिससे वर्तमान में अलग-अलग संचालित होकर हानि उठाने वाली यह कंपनी संयुक्त रूप से अत्याधिक लाभ के मौकों का सृजन कर सकती है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री बघेल से इन सार्वजनिक उपक्रमों का नीतिगत मर्जर कराने हेतु किये जा रहे प्रयासों का नेतृत्व करने का आग्रह किया।
सेफी अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने श्री भूपेश बघेल को सेल बिरादरी की ओर से पे-रिवीजन को लागू करवाने में दिए गए उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। सेफी अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खदान संचालन एवं संवर्धन के लिए दिए जा रहे सहयोग हेतु भी धन्यवाद ज्ञापित किया और सार्वजनिक उपक्रमों के लिए उनके सहयोगात्मक रवैये को राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
प्रतिनिधि मंडल में सेफी अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर, सदस्य श्री के.वी.डी. प्रसाद (विशाखापट्टनम) तथा महासचिव, ओए-बीएसपी सदस्य सेफी श्री परविन्दर सिंह शामिल थे।
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