लखनऊ
कुरान से 26 आयतों को हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) अब ‘सनातनी’ हो गए हैं। सोमवार को उन्होंने गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर में पूरे रीति-रिवाज के साथ हिंदू धर्म अपनाया। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रहे वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण त्यागी हो गया है। मगर वसीम रिजवी हैं कौन? आखिर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे एक शख्स को हिंदू धर्म अपनाना पड़ा? इन सारे सवालों के जवाब उनके पुराने बयानों में छिपे हैं।
‘मोदीजी प्रधानमंत्री नहीं बने तो आत्महत्या कर लूंगा’
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे वसीम रिजवी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते नजर आए। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तो उन्होंने यह तक घोषणा कर दी थी कि अगर अगर नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बने तो मैं अयोध्या के राम मंदिर के सामने जाकर आत्महत्या कर लूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे कट्टरपंथियों की धमकियां मिलती हैं कि एक बार मोदी को जाने दो तो तुम्हारी बोटियां-बोटियां कर देंगे, मुझे लगातार धमकियां मिलती हैं।
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जब वसीम रिजवी बोले, मदरसों के मौलवी समलैंगिक होते हैं
वसीम रिजवी ने एक-दो नहीं कई मौकों पर मदरसों के खिलाफ जहर उगला। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहते हुए वसीम रिजवी ने अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया था। रिजवी ने कहा कि मदरसों के कट्टरपंथी मौलवी समलैंगिक होते हैं। ऐसे में समलैंगिकता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ऐसे मुल्लों को सबसे ज्यादा राहत मिली है। वसीम रिजवी ने कहा कि समलैंगिकता की इस्लाम में कोई जगह नहीं है। फिर भी कट्टरपंथी मदरसों में मौलाना ‘होमो सेक्स’ में लिप्त रहते हैं। ऐसे में मेरे हिसाब से समलैंगिकता को मान्यता देने के बाद सबसे बड़ी राहत कट्टरपंथी मदरसों के मुल्लों को मिली है। शरई तौर पर यह हराम है, लेकिन शरीयत का कानून हिन्दुस्तान में लागू नहीं होता।
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‘मदरसों में पैदा होते हैं आतंकी, सरकार बंद करे’
वसीम रिजवी ने मदरसों के खिलाफ जो ‘अभियान’ छेड़ा, वो एक-दो बयानों तक नहीं थमा…वसीम रिजवी ने एक वीडियो जारी कर यूपी के मदरसों पर सवाल खड़े कर दिए। रिजवी ने कहा कि यूपी के मदरसों में आजकल किताबों की जगह हथियार बरामद हो रहे हैं जो आने वाले वक्त में हिन्दुस्तान के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि मदरसों में चल रही संदिग्ध गतिविधियों की आड़ में यहां ISIS के सिपाहियों को तैयार किया जाता है। रिजवी ने कहा कि सरकार को ऐसे मदरसों को बंद कर देना चाहिए और इनकी जगह स्कूल खोलना चाहिए। रिजवी ने कहा कि आने वाले वक्त में अगर सरकार ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई तो मदरसे के बच्चे एक दिन ISIS के सिपाही बन जाएंगे।
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‘वक्फ संपत्तियों पर होने वाले आयोजनों में ‘भारत माता की जय’ बोलना जरूरी’
साल 2018 में ही ‘भारत माता की जय’ को लेकर उठे विवाद के बीच वसीम रिजवी ने कहा कि 15 अगस्त को बोर्ड की संपत्तियों पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रगान के बाद ‘भारत माता की जय’ बोलना जरूरी है। तब शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे वसीम रिजवी ने यह तक कह दिया कि भारत माता की जय न बोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वसीम रिजवी ने कहा, ‘शिया वक्फ बोर्ड ने आदेश जारी किया है कि जितनी भी वक्फ संपत्तियां हैं, उन पर 15 अगस्त के झंडा आरोहण कार्यक्रम में राष्ट्रगान के बाद ‘भारत माता की जय’ का नारा जरूर लगाया जाए और जो इंस्टिट्यूट इसको फॉलो नहीं करेगा हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’
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कुरान की 26 आयतों को हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका
वसीम रिजवी ने हद तब कर दी जब इसी साल कुरान से 26 आयतों को हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। उनका कहना था कि इन आयतों को पढ़ाकर छात्रों को इससे मिसगाइड किया जाता है। वसीम रिजवी के वकील ने कहा कि मदरसों में ये आयतें पढ़ाई जाती हैं, छात्रों को इससे मिसगाइड किया जाता है, यही आयतें पढ़ाकर और समझाकर आतंकवादी तैयार किए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये निराधार याचिका है और याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने वसीम रिजवी के खिलाफ पचास हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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याचिका को लेकर चौतरफा घिरे रिजवी, इस्लाम से हुए बेदखल
अपनी इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी का चौतरफा विरोध हुआ। कई मौलानाओं में अपने समर्थकों संग रिजवी के घर के बाहर कुरान की तिलावत भी की। रिजवी के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए बीजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता अमील शमसी ने तहरीर भी दी थी। पुराने लखनऊ में रिजवी के खिलाफ खूब विरोध हुआ और पोस्टर भी फूंके गए। लखनऊ में शिया-सुन्नी उलमा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके वसीम को इस्लाम से खारिज करने का फतवा भी जारी कर दिया। मौलाना डॉ. कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि वसीम के कृत्य को माफ नहीं किया जा सकता है। वसीम रिजवी हमारे समाज का हिस्सा ही नहीं हैं।
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