Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Saryu Canal project: पूर्वांचल की 5 नदियों को जोड़ने वाली सरयू नहर परियोजना 9 जिलों के 25 लाख किसानों को देगी फायदा, जानिए इस प्रोजेक्ट के बारे में

बलरामपुर
देश की सबसे बड़ी सिंचाई सरयू नहर परियोजना पूर्वांचल के किसानों की किस्मत बदलेगी। 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवीपाटन मंडल के हरिहरगंज में परियोजना का लोकार्पण करेंगे। यह परियोजना बलरामपुर, गोंडा समेत 9 जिलों के किसानों को लाभ पहुंचाएगी। इस परियोजना से तकरीबन 14 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और करीब 25 से 30 लाख किसानों को फायदा पहुंचेगा। आगे जानिए सरयू नहर परियोजना के बारे में-

9 जिलों की 5 नदियों को जोड़ा गया
318 किमी लंबी इस परियोजना को 9,800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस परियोजना में पांच नदियों को भी जोड़ा गया है। घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा और रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली उक्त नहर से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
12 पीएम और 15 सीएम के कार्यकाल के गवाह बना प्रोजेक्ट
इस परियोजना की परिकल्पना 1971 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने की थी लेकिन पूरा होने में पांच दशक बीत गए। सरयू नहर परियोजना देश के 12 प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के 15 मुख्यमंत्री के कार्यकाल की गवाह बन गई। पिछले चार साल में इस परियोजना के काम में तेजी लाई गई।

1978 में इस पर बहराइच से शुरू काम
1978 में इस पर बहराइच से काम शुरू हुआ था। देवीपाटन मंडल के चारों जिले बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और गोंडा इसमें शामिल थे। साल 1982 में इसे अन्य जिलों के लिए विस्तार दिया गया। घाघरा, राप्ती, सरयू, बाणगंगा और रोहिणी नदी को आपस में जोड़कर 9 जिलों में 6,623 किमी नहरों का जाल बिछाकर दूरदराज के गांवों में पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई।

1978 में हुई थी परियोजना
इस परियोजना को जब 1978 में शुरू किया गया। उस वक्त इस पर खर्च के लिए 78 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। बाद में परियोजना का अन्य जिलों में विस्तार और समय के अनुसार, परियोजना की लागत बढ़ती गई। 2015 में केंद्र सरकार ने पीएम कृषि सिंचाई योजना शुरू कर हर खेत को पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा।

सरयू नहर परियोजना के निर्माण से कई लाभ होंगे। एक तरफ जहां किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त पानी की सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ बाढ़ की त्रासदी भी कम होगी। नदियों के पानी का डायवर्जन नहरों में होने से बाढ़ का असर कम होगा। पशु-पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकेंगे।