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Jat Mahapanchayat: मेरठ में 12 दिसंबर को जाट महापंचायत, मृत्युभोज से लेकर दहेज बंदी का होगा ऐलान

मेरठ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जाट समाज अब कुरीतियों को त्यागने का फैसला किया है। इसकी पहल 12 दिसंबर को वेस्ट यूपी के मेरठ से होगी। इसी दिन मेरठ में अखिल भारतीय उत्तर प्रदेश जाट महासभा की प्रांतीय महापंचायत होगी। इसी दौरान जाट समाज मृत्युभोज, महंगी शादी और दहेज पर रोक का ऐलान करेगा।

मेरठ में होने वाली महापंचायत में अखिल उत्तर प्रदेश जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी सहित यूपी से जाट बिरादरी के प्रमुख पदाधिकारी और जिम्मेदार हिस्सा लेंगे। महापंचायत में जिन बिंदुओं पर फैसला लिए जाने के लिए बिंदु छपवाए गए हैं, उनके मुताबिक, जाट समाज में परिवारों के आपसी संपत्ति विवाद, पारिवारिक विवादों को कोर्ट कचहरी के बजाय घर और समाज की पंचायतों में सुलझाया जाए।

दहेज प्रथा को रोकने का ऐलान
जाट बिरादरी शादियों में दहेज न लेगी न देगी, मृत्युभोज को पूरी तरह बंद किया जाए, कन्या भ्रूण हत्या को रोककर बेटी बचाओ पर काम करें ताकि जाट समाज में बेटियों की घटती संख्या को ठीक कर लिंगानुपात सुधारा जा सके और बेटों की शादियां हो सकें, महंगी शादियों के बजट को रोककर सामान्य तरह से विवाह किए जाएं।

समाज के युवा नशे, गुटका, मांस, शराब से दूर रहकर शिक्षा की तरफ ध्यान दें, माता, पिता, बुजुर्गों, नारी का सम्मान करें, समाज के युवाओं की शिक्षा के लिए निशुल्क कोचिंगों की व्यवस्था की जाए, जाट आरक्षण हमारा हक है उसे लेकर ही रहेंगे।

चुनाव से पहले लड़ाई करनी होगी तेज
अखिल भारतीय जाट महासभा उत्तर प्रदेश के संरक्षक रिटायर मेजर जनरल एसएस अहलावत का कहना है कि यूपी में जाट बिरादरी को आरक्षण मिला है, लेकिन बाकी जगह नहीं मिला है। लंबे समय से जाट आरक्षण के मुद्दा उठा रहा है सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। अब पांच राज्यों के चुनाव से पहले फिर लड़ाई तेज करनी होगी।

उन्होंने बताया कि अकेले वेस्ट यूपी की 100 सीटें जाट बहुल हैं। सभी पर आरक्षण आंदोलन के लिए हुंकार भरेंगे। 12 दिसंबर की महापंचायत में रणनीति बनाएंगे। पंचायतों को अब ब्लॉक और गांव स्तर पर गठन करेंगे। पंचायतों में काउंसलिंग सेंटर बनाएंगे। युवाओं की काउंसिलिंग कर सही राह दिखाएंगे।

जाट महापंचायत