2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आजमगढ़ में आयोजित ‘सत्ता का संग्राम’ कार्यक्रम में युवाओं ने खुलकर अपनी बात रखी। इस कार्यक्रम में रोजगार, छात्रसंघ चुनाव, छात्रवृत्ति और महंगाई के मुद्दे पर जमकर चर्चा हुई। कई युवाओं ने वर्तमान सरकार के कामकाज की तारीफ की तो किसी ने कहा कि 2022 में बदलाव होगा। पढ़िए युवाओं ने और क्या कहा?
युवाओं ने उठाया छात्रसंग चुनाव का मुद्दा
रुसन यादव ने छात्रसंग चुनाव का मुद्दा उठाया। उसने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले बार भी नहीं हुआ और लगता है कि इस बार भी सरकार चुनाव नहीं करवाएगी। हमलोग पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं। न कॉलेज प्रशासन और न ही जिला प्रशासन को इसकी सुध है। उधर, एक छात्र ने छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया। उसने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं दी गई है। ओबीसी के छात्रों को छात्रवृत्ति रोक दी गई है। पिछले साल भी नहीं दी गई थी और इस साल भी नहीं दी गई है। एक तो महंगाई पहले से कमर तोड़ रही है और ऊपर में प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म का भी इतना दाम है कि क्या ही कहा जाए। फॉर्म भरते हैं, परीक्षा होती है और फिर पेपर लीक हो जाती है।
भाजपा सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है
नवरसन नाम के एक युवा ने कहा कि जब भी रोजगार की बात करते हैं तो ये मंदिर-मस्जिद की बात करने लगते हैं। युवाओं को भटका दिया जाता है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि सभी युवा भाजपा सरकार से जुड़े हैं। भाजपा सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। अभी प्रधानमंत्री मोदी जी ने आजमगढ़ को एक विश्वविद्यालय दिए हैं। शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा के साथ साथ रोजगार दिया जाए, जिससे युवाओं में जोश आए। उत्सव राय ने कहा कि यहां सड़कों की हालत बहुत खराब है। शहर की सड़कें अच्छी नहीं हैं। हाइवे तो बन गई है लेकिन गांव की सड़कों का बुरा हाल है।
आजमगढ़ में किसी पार्टी ने कोई काम ही नहीं किया है
मोहम्मद इत्तेशाम ने कहा कि आजमगढ़ में किसी पार्टी ने कोई काम ही नहीं किया है। न रोड है, न लाइट का सिस्टम है, न सीवर स्सिटम सही है। भाजपा का यहां कभी कोई नेता नहीं हुआ है। यहां सपा और बसपा की सरकार रही है। सपा और बसपा की सरकारों ने यहां केवल चौराहों का सुंदरीकरण करवाया है। इसके अलावा कुछ नहीं किया। मौजूदा भाजपा सरकार में सरकार में कानून व्यवस्था सही हो गई है। भाजपा सरकार अच्छा काम कर रही है। प्रदेश के अंदर कोई दंगे नहीं हो रहे हैं। हिंदु मुस्लिम के कोई दंगे नहीं हो रहे हैं। महंगाई पर थोड़ा लगाम लग जाए तो ये सरकार बहुत अच्छी है और अच्छा काम भी कर रही है।
भाजपा सरकार ने नौजवानों को पीछे धकेलने का काम काम किया है
अभिनव यादव ने कहा कि इस सरकार ने नौजवानों को पीछे धकेलने का काम काम किया है। गरीब परिवार का लड़का, किसान परिवार का लड़का अगर राजनीति में आना चाहता है तो उसके लिए प्रथम सीढ़ी है छात्रसंघ का चुनाव। अभिनव ने कहा कि ये सरकार युवाओं को रोकना चाहती है। छात्रसंघ चुनाव से छात्रों मे नेतृत्व करने की क्षमता बढ़ती है लेकिन ये सरकार चुनाव नहीं करवा रही है। अरुण कुमार पांडे ने कहा कि हर चीज बेहतर हो रहा है और बेहतर की उम्मीद है। विवेक यादव ने कहा कि मुझे किसी सरकार ने कोई मतलब नहीं है। सरकार को रोजगार देना चाहिए। दो साल से भर्तियां नहीं आ रही हैं। भाजपा वाले अक्सर यादवों को नीचे गिराने की बात करते हैं। 500 रुपये देकर युवाओं को रैलियों में बुलाया जाता है लेकिन सरकार युवाओं के लिए कुछ नहीं करती।
आदित्य सिंह ने कहा कि छात्रसंघ का चुनाव कराना सही है। जहां तक युवाओं को पैसे लेकर रैलियों में जाने की बात है तो मैं यही कहना चाहूंगा कि जो लेकर पैसे लेकर रैलियों में जातें यह उकी समस्या है। किसी सरकार पर यह आरोप लगाना कहीं से भी सही नहीं है। हर सरकारें कुछ सही करती हैं और कुछ गलत। मगर जातिवाद को लेकर ये कहना उचित नहीं है। वहीं, एक युवा ने कहा कि मौजूदा सरकार युवा विरोधी और महिला विरोधी है।
मैं एक युवा हूं और मुझे रोजगार चाहिए
श्यामा पांडे नाम की एक छात्रा ने कहा कि लड़कों के कमेंट झेलने पड़ते हैं। यह सरकार की लापरवाही के साथ साथ लड़कों की भी लापरवाही है। पढ़ाई एक पैसे की नहीं हो रही है। खाली फीस बढ़ रही है। हम सरकार से यही कहना चाहती हूं कि हमलोगों को सुरक्षित रखा जाए। शाम पांच बजे के बाद निकलने से थोड़ा डर लगता है। अनिकेश यादव ने कहा कि मैं एक युवा हूं और मुझे रोजगार चाहिए। मैं किसी भी सरकार का विरोध नहीं करता हूं। कोई भी सरकार आए मुझे रोजगार से मतलब है। विक्रम सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ये यही मांगें हैं कि छात्रों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और महंगाई पर काबू हो। महंगाई जिस कदर बढ़ रही है उसे देखते हुए मिडिल क्लास के लोगों को गुजारा करना मुश्किल हो गया है।
बेरोजगारी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है
प्रवेश मिश्रा ने कहा कि बेरोजगारी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। योगी सरकार पेपर लीक करा देती है। बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। योगी सरकार अपने नेताओं की जेब भराई कर रही है। यह सरकार किसानों के खिलाफ है। दुर्गेश यादव ने कहा कि इस देश में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है और इस सरकार से सबसे ज्यादा नौजवान ही नाकुश है। जवान, किसान और नौजवान इस सरकार से नाखुश है। उधर, एक युवा ने कहा कि मोदी सरकार स्वरोजगार की बात करती है। पहले 15 लाख रुपये भेज दे फिर हम स्वरोजगार के बारे में सोचेंगे। युवाओं को केवल बरगलाया जा रहा है। एक अन्य छात्र ने कहा कि इस सरकार ने युवाओं को कुछ नहीं दिया है। लाल का इंकलाब होगा, 2022 में बदलाव होगा।
2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए आजमगढ़ में आयोजित ‘सत्ता का संग्राम’ कार्यक्रम में युवाओं ने खुलकर अपनी बात रखी। इस कार्यक्रम में रोजगार, छात्रसंघ चुनाव, छात्रवृत्ति और महंगाई के मुद्दे पर जमकर चर्चा हुई। कई युवाओं ने वर्तमान सरकार के कामकाज की तारीफ की तो किसी ने कहा कि 2022 में बदलाव होगा। पढ़िए युवाओं ने और क्या कहा?
रुसन यादव ने छात्रसंग चुनाव का मुद्दा उठाया। उसने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले बार भी नहीं हुआ और लगता है कि इस बार भी सरकार चुनाव नहीं करवाएगी। हमलोग पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं। न कॉलेज प्रशासन और न ही जिला प्रशासन को इसकी सुध है। उधर, एक छात्र ने छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया। उसने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं दी गई है। ओबीसी के छात्रों को छात्रवृत्ति रोक दी गई है। पिछले साल भी नहीं दी गई थी और इस साल भी नहीं दी गई है। एक तो महंगाई पहले से कमर तोड़ रही है और ऊपर में प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म का भी इतना दाम है कि क्या ही कहा जाए। फॉर्म भरते हैं, परीक्षा होती है और फिर पेपर लीक हो जाती है।
नवरसन नाम के एक युवा ने कहा कि जब भी रोजगार की बात करते हैं तो ये मंदिर-मस्जिद की बात करने लगते हैं। युवाओं को भटका दिया जाता है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि सभी युवा भाजपा सरकार से जुड़े हैं। भाजपा सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। अभी प्रधानमंत्री मोदी जी ने आजमगढ़ को एक विश्वविद्यालय दिए हैं। शिक्षा बहुत जरूरी है। शिक्षा के साथ साथ रोजगार दिया जाए, जिससे युवाओं में जोश आए। उत्सव राय ने कहा कि यहां सड़कों की हालत बहुत खराब है। शहर की सड़कें अच्छी नहीं हैं। हाइवे तो बन गई है लेकिन गांव की सड़कों का बुरा हाल है।
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