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UP Elections: कैराना का पलायन नहीं, सरकारी प्लान है…आंदोलन खत्‍म होने के बाद पहली किसान महापंचायत में गरजे राकेश टिकैत

मेरठ
तीनों कृषि कानून के खिलाफ लंबा आंदोलन चलाने वाले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन समाप्ति के बाद पहली किसान महापंचायत रविवार को शामली जिले के कैराना में की। किसान नेता ने साफ कहा कि किसानों के हर मुद्दे पर सरकार से बात होगी। अगर समझौते के मुताबिक सरकार ने कदम नहीं उठाया तब स्थगित किया आंदोलन फिर शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही बोले आंदोलन चलाने का सिस्टम पंजाब के किसानों के पास हैं। उनसे सभी किसानों को सीखना होगा।साथ ही कहा कि हम चुनाव में कुछ नहीं करेंगे बस जनता को सरकार के काम बताएंगे, कैराना का पलायन नहीं, सरकारी प्लान है, लोग किसी के बहकावे में ना आएं

शामली के कैराना में राकेश टिकैत ने कहा किसानों ने 13 माह में बड़ी जीत हासिल की है। आदोलन को पूरे देश का सहयोग रहा। किसान आंदोलन एक ट्रनिंग सरीखा था। यह भविष्य में काम आएगा। अभी आंदोलन खत्म हुआ है किसानों की लड़ाई नहीं। अभी किसानों के कई मुद्दों पर लड़ाई जारी रहेगी। सरकार के पास दो माह है, किसानों की समस्याओं पर काम करें, उनके भले के लिए कुछ करें। कहा कि इस लड़ाई में न किसी की जीत हुई और न किसी की हार हुई। हमने अपने पंचों का समझौता माना है।
किसान नेता ने कहा कि सरकार एमएसपी के मुद्दे पर, गन्ना मूल्य पर, बिजली की बढ़ी दरों पर काम करें। हम चुनाव में कुछ नहीं करेंगे बस जनता को सरकार के काम बताएंगे। सरकार पर आचार संहिता लगने तक का समय है। उनकी भलाई के लिए कुछ करे। कैराना से पलायन के मुद्दे पर राकेश टिकैत ने कहा कि यह पलायन नहीं, सरकारी प्लान है। लोग किसी के बहकावे में ना आएं। यहां से रोजाना सैकड़ों लोग काम के लिए पानीपत जाते हैं। सरकार या उद्योग लगाए तो कोई दूसरे राज्य नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान एकता बनाए रखें। अपनी खेती-किसानी और रोजगार व अपने बच्चों के भविष्य पर ध्यान दें।

टिकैत बोले डॉक्टरों और सफाईकर्मियों ने आंदोलन का साथ दिया। हिंदू मुसलमान ने खाने में सहयोग किया है। ट्रेनिंग किसानों ने आंदोलन में ली। घर से बाहर हर मौसम में रहे। हर मौसम से बचने को किसानों ने झोपड़ी बनाई। इस आंदोलन की याद हमेशा आएगी। अलग-अलग भाषा और गांवों के लोग एक साथ रहे। यह आंदोलन वैचारिक क्रांति थी, इससे युवा बेरोजगार जुड़े। भारत सरकार समझौता पर काम करे। हम 12 लाख करोड़ की कई फसलें एमएसपी में तैयार करते हैं। एमएसपी पर कनून बनाए।

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