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कानपुर: अखिलेश का नाम लिए बगैर ओवैसी बोले- मुसलमानों ने अपने वोटों से जिताया लेकिन उन्हें हिस्सेदारी के बजाय खैरात मिली

सार
ओवैसी ने कहा कि यूपी में मुसलमानों की जान की कोई कीमत नहीं है। गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कानपुर के युवक की मौत हुई तो अखिलेश यादव ने 20 लाख रुपये दिए। मुख्यमंत्री ने भी पैसा दिया, लेकिन सीएए आंदोलन में मारे गए तीन मुसलमानों के घर कोई नहीं पहुंचा।

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कानपुर में कैंट विधानसभा क्षेत्र के बाद एआईएमआईएम ने सीसामऊ सीट पर अपनी जमीन मजबूत करनी शुरू कर दी है। यहां मजबूत प्रत्याशी की तलाश के बीच पार्टी मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सपा और सोलंकी परिवार को निशाने पर रखा।

रविवार को सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के जीआईसी मैदान पर सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि सोलंकी परिवार ने यहां से पांच बार विधायकी की है, लेकिन क्या मिला? फिर बोले कि इस क्षेत्र से एआईएमआईएम क्यों नहीं जीत सकती? मुस्लिमों के जज्बात को कुरेदने के लिए यह वादा भी किया कि वह जेल में बंद आजम खां की तकलीफों को बताते रहेंगे।

अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि मुसलमानों ने अपने वोटों से जिताया, लेकिन मुस्लिमों को हिस्सेदारी के बजाय खैरात मिली। जबकि, उपमुख्यमंत्री मुसलमान को बनना चाहिए था। इन बातों के जरिये उन्होंने सपा के वोट में सेंध लगाने की कोशिश की। साथ ही मुस्लिमों से बार-बार किसी को अपना अगुवा बनाने का आह्वान करते रहे।

उन्होंने कहा कि मुसलमान अपने दिल से डर निकाल दें तो कयादत (रहनुमाई) अपने आप विकसित हो जाएगी और हिस्सेदारी मिलेगी। इसके लिए अनुप्रिया पटेल का उदाहरण दिया और कहा कि कुर्मी होने की वजह से मोदी सरकार में उन्हें जगह मिली। इस मौके पर एआईएमआईएम के पदाधिकारी वारिस पठान, आसिम वकार आदि ने विचार व्यक्त किए।
पत्नी ने पढ़ा अतीक अहमद का पत्र
जेल में बंद बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परबीन और उनका बेटा अली भी सभा में मौजूद रहा। इस दौरान शाइस्ता ने अतीक का लिखा पत्र पढ़कर सुनाया। इसमें भी सपा मुखिया अखिलेश यादव निशाने पर रहे। पत्र में लिखा गया कि अखिलेश को बिना हड्डी का मुसलमान पसंद है।

हमारी लड़ाई भाजपा को हराने की नहीं है, अपने को जिताने की है। पत्र में जिन्ना को शराबी और गद्दार करार दिया गया और उन्हें देश के बंटवारे का जिम्मेदार बताया गया। साथ ही कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि यह पार्टी मुसलमानों को धमकाती रही, उनके लिए कुछ किया नहीं।
हमारे बनवाए मंच से बोल रहे थे ओवैसी: इरफान
सीसामऊ से सपा के विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने असदुद्दीन ओवैसी पर पलटवार किया। ओवैसी के यह कहने पर कि सोलंकी परिवार ने क्या किया? इरफान सोलंकी ने कहा कि ओवैसी जी काला चश्मा पहनते हैं, शायद इसी वजह से उन्हें हमारे विकास कार्य नहीं नजर आए।

उनके बगल में जीजीआईसी और मंच, जिस पर खड़े होकर वह बोल रहे थे, उन्हीं ने बनवाया है। वह भाजपा की बी टीम हैं, लेकिन जनता को बहका नहीं सकते। पश्चिम बंगाल में एआईएमआईएम साफ हो गई, वहां भी तो मुसलमान हैं। सियासत सिर्फ सियासत होती है, इसमें हिंदू-मुसलमान नहीं होता।
सीएए में मारे गए मुसलमानों के घर नहीं गए
ओवैसी ने कहा कि यूपी में मुसलमानों की जान की कोई कीमत नहीं है। गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कानपुर के युवक की मौत हुई तो अखिलेश यादव ने 20 लाख रुपये दिए। मुख्यमंत्री ने भी पैसा दिया, लेकिन सीएए आंदोलन में मारे गए तीन मुसलमानों के घर कोई नहीं पहुंचा।

उन्नाव और दूसरे स्थानों पर हुई घटनाओं में मरने वालों को एक पैसा नहीं दिया गया। कानपुर देहात में पुलिस वालों ने भतीजी को गोद में लिए चाचा को पीटा था। इस पर भी सपा और अन्य दलों ने प्रतिक्रिया दी। अखिलेश दो फीसदी आबादी वाले दलों से गठबंधन कर रहे हैं, लेकिन 19 फीसदी मुसलमानों से दूर भागते हैं।

विस्तार

कानपुर में कैंट विधानसभा क्षेत्र के बाद एआईएमआईएम ने सीसामऊ सीट पर अपनी जमीन मजबूत करनी शुरू कर दी है। यहां मजबूत प्रत्याशी की तलाश के बीच पार्टी मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सपा और सोलंकी परिवार को निशाने पर रखा।

रविवार को सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के जीआईसी मैदान पर सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने सवाल किया कि सोलंकी परिवार ने यहां से पांच बार विधायकी की है, लेकिन क्या मिला? फिर बोले कि इस क्षेत्र से एआईएमआईएम क्यों नहीं जीत सकती? मुस्लिमों के जज्बात को कुरेदने के लिए यह वादा भी किया कि वह जेल में बंद आजम खां की तकलीफों को बताते रहेंगे।

अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि मुसलमानों ने अपने वोटों से जिताया, लेकिन मुस्लिमों को हिस्सेदारी के बजाय खैरात मिली। जबकि, उपमुख्यमंत्री मुसलमान को बनना चाहिए था। इन बातों के जरिये उन्होंने सपा के वोट में सेंध लगाने की कोशिश की। साथ ही मुस्लिमों से बार-बार किसी को अपना अगुवा बनाने का आह्वान करते रहे।

उन्होंने कहा कि मुसलमान अपने दिल से डर निकाल दें तो कयादत (रहनुमाई) अपने आप विकसित हो जाएगी और हिस्सेदारी मिलेगी। इसके लिए अनुप्रिया पटेल का उदाहरण दिया और कहा कि कुर्मी होने की वजह से मोदी सरकार में उन्हें जगह मिली। इस मौके पर एआईएमआईएम के पदाधिकारी वारिस पठान, आसिम वकार आदि ने विचार व्यक्त किए।