चंडीगढ़, 15 दिसंबर
पंजाब में कई किसान संगठनों ने टोल शुल्क में “अनुचित” वृद्धि के विरोध में बुधवार को टोल प्लाजा पर धरना देने से इनकार कर दिया।
किसान निकायों ने पहले 15 दिसंबर से टोल प्लाजा, पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल और भाजपा नेताओं के आवास सहित विभिन्न स्थानों पर ‘धरने’ हटाने की घोषणा की थी।
हालांकि, टोल प्लाजा को छोड़कर, किसान संगठनों ने बुधवार को एक साल से अधिक समय से अन्य स्थानों पर चल रहे अपने विरोध प्रदर्शन को हटा लिया।
इस बीच, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय अधिकारी आरपी सिंह (चंडीगढ़) ने कहा कि पंजाब में कुल 30 टोल प्लाजा में से पांच बुधवार शाम तक खुल गए।
भारती किसान यूनियन (एकता उग्रां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहन ने दावा किया कि टोल दरों को लगभग “दोगुना” कर दिया गया है।
उन्होंने सरकार पर टोल शुल्क में “अनुचित” वृद्धि करने का आरोप लगाया और ऐसा करके वह लोगों से नुकसान की वसूली करने की कोशिश कर रही थी।
उग्राहन ने आगे कहा कि जब तक टोल शुल्क को पिछले स्तर पर नहीं लाया जाता, तब तक ‘धरना’ जारी रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह और बीकेयू (दकुंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल लखोवाल ने कहा कि वे टोल शुल्क में बढ़ोतरी के विरोध में धरना नहीं देंगे।
किसान निकायों ने अपनी “जीत” के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए।
महिलाओं सहित किसानों ने ‘ढोल’ की थाप पर नृत्य किया, गीत गाए और आपस में मिठाइयां बांटी।
पंजाब और हरियाणा के किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के निलंबन के बाद 11 दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं से लौटना शुरू कर दिया था, जिसे निरस्त कर दिया गया था।
— पीटीआई
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