आगरा में बिहार और झारखंड के साइबर ठग लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं। साइबर क्राइम थाना और सेल की पुलिस को मोबाइल नंबरों से ठगों की जानकारी मिलने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। अब पुलिस की टीम बिहार और झारखंड जाएगी। वहां उन खातों के बारे में जानकारी जुटाएगी, जिनमें साइबर अपराधियों ने रकम ट्रांसफर की। आगरा जोन में साइबर ठगी के मामलों में पिछले चार माह में 223 से अधिक बैंक खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। 127 बैंक खातों को फ्रीज करने की रिपोर्ट भेजी गई है। 34 बैंक खाते डॉक्टर एके गुप्ता के मामले में फ्रीज कराने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।
सावधान रहने की जरूरत
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। साइबर अपराधी लालच में फंसाकर ठगी का शिकार बनाते हैं। अनजान लोगों के कॉल आने पर विश्वास नहीं करें। लॉटरी और बीमा पॉलिसी का लाभ लेने के चक्कर में नहीं आएं। मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को किसी अन्य व्यक्ति से शेयर नहीं करें। साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए टीमें लगाई जाती हैं। ज्यादातर कॉल बिहार और झारखंड से आती हैं। इसके बाद हरियाणा और राजस्थान के मेवात गैंग के सदस्य भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। इनके खातों को फ्रीज कराया जा रहा है। अपराधियों की धरपकड़ के लिए टीमें भेजी जाती है।
यह हैं ठगी के तरीके
पुलिस के मुताबिक, साइबर अपराधी लोगों को अलग-अलग तरीके से ठगी का शिकार बनाते हैं। कभी खाता बंद होने के बारे में बताते हैं तो कभी खाते की केवाईसी अपडेट कराने का झांसा देकर जानकारी लेते हैं। इसी तरह 25 लाख की लॉटरी निकलने, बंद पड़ी बीमा पॉलिसी की धनराशि दिलाने, फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर गिफ्ट भेजने का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं।
मजदूरों के खाते का प्रयोग कर रहे
साइबर अपराधी जिन खातों में लोगों की रकम ट्रांसफर करते हैं, वह या तो फर्जी आईडी पर खुले होते हैं या फिर मजदूरों की आईडी पर लिए होते हैं। मजदूरों को वह हर महीने 10 से 20 हजार देने का झांसा देते हैं। उनके एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते हैं। मोबाइल नंबर भी अपना ही देते हैं। जिस सिम का इस्तेमाल करते हैं वह भी फर्जी आईडी पर होता है।
सेक्सटॉर्शन का भी बना रहे शिकार
इन दिनों साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए सेक्सटॉर्शन का तरीका भी अपनाया है। व्हाट्सएप पर मैसेज भेजते हैं। बातचीत के दौरान वीडियो कॉल करने के लिए कहते हैं। जब व्यक्ति वीडियो कॉल करता है तो युवती नजर आती है, जो न्यूड हो जाती है। इसके बाद कॉल करने वाले को भी न्यूड होने के लिए कहा जाता है। जब वह न्यूड हो जाता है तो उसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है। फिर रकम की मांग की जाती है। रकम देने से मना करने पर फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर डालकर बदनाम करने की धमकी देते हैं। आगरा में कई लोग इसका शिकार हो चुके हैं, लेकिन बदनामी की वजह से पुलिस के पास नहीं पहुंच रहे हैं।
आगरा में बिहार और झारखंड के साइबर ठग लोगों के खातों में सेंध लगा रहे हैं। साइबर क्राइम थाना और सेल की पुलिस को मोबाइल नंबरों से ठगों की जानकारी मिलने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है। अब पुलिस की टीम बिहार और झारखंड जाएगी। वहां उन खातों के बारे में जानकारी जुटाएगी, जिनमें साइबर अपराधियों ने रकम ट्रांसफर की। आगरा जोन में साइबर ठगी के मामलों में पिछले चार माह में 223 से अधिक बैंक खाते फ्रीज कराए जा चुके हैं। 127 बैंक खातों को फ्रीज करने की रिपोर्ट भेजी गई है। 34 बैंक खाते डॉक्टर एके गुप्ता के मामले में फ्रीज कराने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।
एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। साइबर अपराधी लालच में फंसाकर ठगी का शिकार बनाते हैं। अनजान लोगों के कॉल आने पर विश्वास नहीं करें। लॉटरी और बीमा पॉलिसी का लाभ लेने के चक्कर में नहीं आएं। मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को किसी अन्य व्यक्ति से शेयर नहीं करें। साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए टीमें लगाई जाती हैं। ज्यादातर कॉल बिहार और झारखंड से आती हैं। इसके बाद हरियाणा और राजस्थान के मेवात गैंग के सदस्य भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। इनके खातों को फ्रीज कराया जा रहा है। अपराधियों की धरपकड़ के लिए टीमें भेजी जाती है।
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