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Editorial:देश को पश्चिमीकरण के दीमक से पार पाने की आवश्यक्ता

28-12-2021

आज से लगभग 500 साल पहले एक दिल दहला देने वाली घटना हुई थी। उस समय जैन राजा कुमुद गोवा पर शासन कर रहे थे। पुर्तगालियों ने उन्हें जबरन हटाकर गोवा पर कब्जा कर लिया था। गोवा पर कब्जा करने के बाद गोवा की जनता पर भी कब्जा करना शुरू किया गया। वहीं, कैथोलिक पादरियों ने पुर्तगाली सेना के साथ बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों का धर्म परिवर्तन करने के लिए हमला कर दिया। पादरियों ने पूरे गोवा शहर पर कब्जा कर लिया और लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए धमकाया और मजबूर किया। जिन्होंने धर्म परिवर्तन का विरोध किया और धर्म परिवर्तन से इनकार किया, उन्हें बेरहमी से मार डाला गया। दरअसल, हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि धर्मांतरण को लेकर कुछ पादरियों ने न केवल देश को भटकाने की कोशिश की अपितु आज यह समुदाय पूरे देश में सेंट जेवियर्स स्कूल स्थापित कर चुका है।

 कैथोलिक धर्म की मुख्य आबादी ने जेवियर की सराहना की थी। जेवियर को विविध भूभाग देकर सम्मानित किया गया था और इस रक्तपात के बाद, फ्रांसिस जेवियर को सेंट जेवियर के रूप में पहचाना गया। आगे चलकर सेंट जेवियर का नाम भारत में अंग्रेजी स्कूलों और कॉलेजों की श्रेणी में जोड़ा गया। आज भारत में सबसे बड़ा स्कूल नेटवर्क सेंट जेवियर्स है। हजारों जैनियों और हिंदुओं के खून से लथपथ एक क्रूर ईसाई पादरी के नाम से चलाए जा रहे स्कूल में लोग बड़ी मात्रा में चंदा देकर अपने बच्चों को पढऩे के लिए भेजने को तैयार हैं!

ऐसे में, इस इतिहास को जानने के बाद हमें उनसे प्रेरणा लेकर धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। आज के जीवन में पश्चिमीकरण और ईसाई धर्म का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। आज इस हिन्दू बाहुल्य देश में लोग हिंदू पंचांग की तारीख-महीने भूल रहे हैं। पश्चिमीकरण का दीमक हमें अंदर से कमजोर करता जा रहा है। वहीं, सरकार को भी इस मोर्चे पर काम करने की आवशयकता है।