Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

युवा IAS की पहल से बाराबंकी के सरकारी स्कूल के बच्चों को मिल रही स्मार्ट एजुकेशन

Default Featured Image

जितेंद्र कुमार मौर्य, बाराबंकी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरकारी स्कूलों में बच्चों के चहेरे पर मुस्कान लाने के लिए संयुक्त मजिस्ट्रेट ने जल्द ही स्मार्ट क्लास की सुविधा देने के लिए पहल की है। सदर तहसील के 11 स्कूल चिह्नित कर बच्चों को अंग्रेजी, गणित, विज्ञान का आसान और सरल तरीके से ज्ञान दिया जाएगा। स्मार्ट क्लास के तहत प्रत्येक स्कूल में 43 इंच का स्मार्ट टीवी, यूपीएस, ब्लूटूथ स्पीकर, वाई-फाई डोंगल, पेन ड्राइव 64 जीबी और व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था की जा रही है।

सदर नवाबगंज तहसील में एसडीएम पद पर तैनात युवा आईएएस सुमित यादव (SDM Sumit Yadav) पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में शुरू की गई स्मार्ट योजना में अपने व्यस्ततम समय में खुद बच्चों को पढ़ाने का कार्य कर अन्य अफसरों से इस मुहिम में जुड़ने की अपील कर रहे हैं। जिसका इन्होंने “उदभव अभियान” नाम दिया है।

महत्वाकांक्षी अभियान में आम लोगों का सहयोग
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एवं उपजिलाधिकारी सुमित यादव की ओर से शुरू किए गए “उदभव अभियान” मुहिम में आम लोग भी सहभागी बन रहे हैं। तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय भटेहटा व सरैंया में समाजसेवी गुलाम नवी, प्राथमिक विद्यालय सरसौंदी में रिषी गोयल, प्राथमिक विद्यालय मनेरा व उमरपुर में मो. फैसल खान, गांधीनगर में अभिनव गुप्ता, पुलिस लाइन स्कूल में आशीष गुप्ता, उधौली स्कूल में राकेश कुमार, प्राथमिक विद्यालय चंदवारा में शैलेंद्र कुमार, प्राथमिक विद्यालय गोड़वा ग्वारी में आरएस वर्मा ने 40 हजार रुपये की लागत से स्कूलों में स्मार्ट क्लास के लिए सामग्री दान करने की पहल की है। इससे प्रत्येक स्कूल में 43 इंच का स्मार्ट टीवी, यूपीएस, ब्लूटूथ स्पीकर, वाई-फाई डोंगल, पेन ड्राइव 64 जीबी, व्हाइट बोर्ड की व्यवस्था होगी।

प्रथम चरण में चयनित विद्यालय बने “उदभव अभियान” का हिस्सा
सुमित यादव ने बताया कि डीएम डॉ. आदर्श सिंह की अध्यक्षता में बैठक कर जिला स्तरीय अधिकारियों को भी इस मुहिम का हिस्सा बनाया जाएगा। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने कहा कि प्रतिदिन एक स्कूल को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उदभव अभियान में जुड़ने के लिए समाजसेवी व समाजसेवी संस्थाएं 9454416145 पर संपर्क कर इस मुहिम का हिस्सा बन सकते हैं। इसके साथ एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिससे सभी लोगों को जोड़ा जाएगा। इन स्मार्ट क्लास में बेसिक शिक्षा विभाग के दिशा एप व खान अकेडमी का भी सहयोग लिया जाएगा। छात्र-छात्राओं को इंटरनेट के माध्यम से विषय सामग्री से जुड़ी जानकारी फोटो व वीडियो के माध्यम से दिखाई और बगल में लगे व्हाइट बोर्ड पर दर्शाई जाएगी। इससे बच्चों में पढ़ने की लगन तो बढ़ेगी ही साथ ही स्कूलों में कम दिखने वाली उपस्थिति में भी इजाफा होगा।

कम होगा निजी व सरकारी स्कूल के बीच का अंतर
सुमित यादव ने बताया कि उनकी पहल निश्चित रूप से सरकारी व निजी स्कूलों के अंतर को कम करेगी। परिषदीय स्कूलों में वैसे भी कायाकल्प के तहत बच्चों के लिए बैठने को बेंच, कमरों में बिजली और पंखे की व्यवस्था हो चुकी है। स्क्रीन पर चलने वाले स्मार्ट क्लासों से दूरी को कम किया जाएगा। अभिभावकों को प्रेरित कर छात्रों को नियमित स्कूल भेजने को जागरुक किया जाएगा। प्राइमरी स्कूल के शिक्षक भी अपने विजुअल बनाकर पेन ड्राइव के माध्यम से छात्रों को अच्छी शिक्षा देकर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की शिक्षा के अंतर को दूर कर सकेंगे।