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Ajay Lallu Arrest: अमेठी पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

अरुण गुप्ता, अमेठी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का संसदीय क्षेत्र अमेठी दलित बेटी की पिटाई के बाद राजनीति का अखाड़ा बन गया है। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय लल्लू पीड़िता से मिलने के लिए अमेठी पहुंचे। प्रशासन ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वो अमेठी तहसील के गांधी चौक के पास बीचों-बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस बीच कांग्रेसियों और पुलिस में नोकझोंक भी हुई। अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) ने कहा कि पीड़िता को छुपाया जा रहा है। पीड़िता को क्यों नहीं सामने लाया जा रहा है, क्यों नहीं वास्तविक चीजों की जानकारी दी जा रही है, साक्ष्यों को मिटाने का काम किया जा रहा है।

बोले- सरकार के दबाव में काम कर रही पुलिस
लल्लू ने कहा कि यह स्पष्ट हो चुका है कि सरकार और सरकार के अधिकारी अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। कांग्रेस पार्टी उस बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेगी, जब तक उस बेटी को न्याय नहीं मिल जाता है, हम रुकने वाले नहीं हैं। सरकार के दबाव में पुलिस काम कर रही है।

‘आखिर पुलिस नाम क्यों नहीं बता रही?’
अजय लल्लू ने कहा कि घटना को 15 दिन हो गए थे, जब प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने ट्वीट किया और आंदोलन की धमकी दी, तब जाकर यह सरकार जागी। कौन लोग संरक्षण दे रहे थे? कौन बचाव कर रहे थे? आखिर यह सरकार उन लोगों का नाम क्यों नहीं बता रही है? संरक्षण दाता का नाम पुलिस प्रशासन के लोग क्यों नहीं उजागर कर रहे हैं? इस सरकार में सिर्फ अमेठी (Amethi) ही नहीं पिछले दिनों हाथरस (Hathras) में एक बेटी के साथ बलात्कार हुआ और उसकी निर्मम हत्या कर दी गई।

मंगता गांव में दलितों के साथ जिस तरह मारपीट की गई, जिसमें वो बुरी तरह घायल होने के बाद में क्या हुआ? उन्हीं दलितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। आगरा में क्या हुआ? गोरखपुर में क्या हुआ? खलीलाबाद में क्या हुआ? यानी कहीं न कहीं इस सरकार में दलित सुरक्षित नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपने भाषण में रोज बयान देते हैं कि अपराधी जेल में हैं, लेकिन हकीकत उससे परे है और अंजाम आपके सामने है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) की तैयारी शुरू हो चुकी है। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए ये चुनाव फरवरी से अप्रैल के बीच हो सकते हैं। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है. 17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। इनमें लगभग 61 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 63 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं थीं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत करीब 60 फीसदी रहा। चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया।

वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party ) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bhartiya Janata Party) के बीच है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।