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उत्तराखंड के लोगों का सामर्थ्य, इस दशक को उत्तराखंड का दशक बनाएगा- प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 दिसंबर को उत्तराखंड के हल्दानी में 17,500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 23 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। उन्होंने लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना का शिलान्यास किया, जिसके बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था और यह कई वर्षों से लंबित थी। उन्होंने 8,700 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये सड़क परियोजनाएं सुदूर, ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रधानमंत्री के विजन को साकार करेंगी। कैलाश मानसरोवर यात्रा को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विकास की गति को तेज करना चाहता है। उन्होंने कहा, “आपके सपने, हमारे संकल्प हैं; आपकी इच्छा, हमारी प्रेरणा है; और आपकी हर आवश्यकता को पूरा करना हमारी ज़िम्मेदारी है।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों का संकल्प इस दशक को उत्तराखंड का दशक बना देगा। सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कुमाऊं के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया। उन्होंने उत्तराखंडी टोपी से सम्मानित करने के लिए क्षेत्र के लोगों को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहाड़ी क्षेत्रों को विकास से दूर रखने की विचारधारा के बारे में कहा, “आजादी के बाद से ही, यहां के लोगों ने दो धाराएं देखी हैं। उन्होंने कहा कि विकास और सुविधाओं के अभाव में कई लोग क्षेत्र से अन्य स्थानों पर चले गए। उन्होंने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊधम सिंह नगर में एम्स ऋषिकेश केंद्र और पिथौरागढ़ में जगजीवन राम गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की आधारशिला राज्य में चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं में देरी करना पहले जो सरकार में रहे हैं, ये उनका परमानेंट ट्रेडमार्क रहा है। उन्होंने कहा, “आज यहां उत्तराखंड में जिस लखवाड़ परियोजना का काम शुरू हुआ है, उसका भी यही इतिहास है। इस परियोजना के बारे में पहली बार 1976 में सोचा गया था। आज 46 साल बाद, हमारी सरकार ने इसके काम का शिलान्यास किया है। यह देरी किसी अपराध से कम नहीं है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गंगोत्री से गंगासागर तक हम एक मिशन में जुटे हैं।

शौचालयों के निर्माण से, बेहतर सीवरेज सिस्टम से और पानी के ट्रीटमेंट की आधुनिक सुविधाओं से गंगा जी में गिरने वाले गंदे नालों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। इसी तरह नैनीताल झील की भी देखभाल की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने नैनीताल के देवस्थल पर भारत के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप को भी स्थापित किया है। इससे देश-विदेश के वैज्ञानिकों को नई सुविधा तो मिली ही है, इस क्षेत्र को नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली और देहरादून में सत्ताभाव से नहीं, सेवाभाव से चलने वाली सरकारें हैं।