सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के मुद्दे पर फैसला सुना दिया। इसी के साथ राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि इसका निर्माण चंदखुरी गांव में हो रहा है। इसे माता कौशल्या का गांव माना गया है, इस तरह भगवान राम के ननिहाल में भी साल 2020 के अंत तक राम मंदिर का काम पूरा कर लिया जाएगा। यहां पहले से ही एक छोटा राम मंदिर था, जिसे करीब 100 साल पहले दक्षिण भारतीय जमीदारों ने बनवाया था।
- रायपुर के सांसद रहे रमेश बैस के परिवार के लोगों का इस प्राचीन मंदिर पर मालिकाना हक है। दक्षिण भारतीय जमीदार से अरसे पहले उन्होंने यह जमीन खरीद ली थी। 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले यह बात सामने आई कि मंदिर के पुजारी परिवार से विवाद के चलते मंदिर में वर्षों से ताला लगा हुआ है। इस विवाद को बैस परिवार ने सुलझाया और प्राचीन मंदिर की जगह नए सिरे से मंदिर बनाने का काम कुछ महीने पहले ही शुरू करवाया। जानकारी के मुताबिक पुजारी परिवार को भी रहने की वैकल्पिक जगह दी जा रही है।
- इस वजह से चंदखुरी है भगवान राम का ननिहाल इतिहास विद डॉ हेमु यदू ने बताया कि रामायण में आरंग इलाके का जिक्र मिलता है, महाभारत में भी यह जगह उल्लेखित है। रामायण के बालकांड के सर्ग 13 श्लोक 26 में आरंग के चंदखुरी के बारे में जानकारी मिलती है। इलाके के राजा भानुमंत थे, जो कि भानुमति (कौशल्या ) के पिता थे। छत्तीसगढ़ का इलाका रामायण काल में दक्षिण कोसल कहलाता था। राजा दशरथ से विवाह के बाद राजकुमारी का नाम कौशल्या पड़ा। यहां मां कौशल्या का भी मंदिर है जिसमें भगवान राम मां की गोद में हैं। इस मंदिर को 8वीं शताब्दी में सोमवंशी राजाओं ने बनवाया था।
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