भोपाल से चलने वाली शान-ए-भोपाल, रेवांचल, अमरकंटक, जबलपुर इंटरसिटी, जन शताब्दी, भोपाल-प्रतापगढ़ एक्सप्रेस, भोपाल-खजुराहो और भोपाल-दमोह राज्य रानी एक्सप्रेस में जनवरी से हैंडहेल्ड डिवाइस से रिजर्व टिकट दिया जाने लगेगा। इन गाड़ियों में जो भी बर्थ खाली रह जाएंगी, टीटीई द्वारा उन्हें हैंडहेल्ड डिवाइस के माध्यम से ऑनलाइन चैक कर अलॉट कर दिया जाएगा।
अगले चरण में यहां से शुरू होने वाली अन्य गाड़ियों में भी यह सुविधा मार्च तक मिलने लगेगी। रेल मंडल के प्रवक्ता आईए सिद्दीकी का कहना है कि जैसे ही डिवाइस मिलेंगी, यहां से शुरू होने वाली ट्रेनों में यात्रियों को उनकी सुविधा मिलने लगेगी।
पहले चरण में … भोपाल रेल मंडल को जनवरी तक 25 डिवाइस मिलने जा रहीं
हबीबगंज-नई दिल्ली शताब्दी व यहां से गुजरने वाली राजधानी एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियों में खाली रहने वाली सीटों को चलती ट्रेन में मांग के अनुसार यात्रियों को हैंडहेल्ड डिवाइस से रिजर्व टिकट दिया जाने लगा है। अगले चरण में प्रीमियम, मेल व एक्सप्रेस श्रेणी की गाड़ियों में यह डिवाइस देने का निर्णय रेलवे बोर्ड ने लिया है। फिलहाल भोपाल रेल मंडल को जनवरी तक 25 डिवाइस मिलने जा रही हैं। इसके बाद इतनी ही डिवाइस अगले चरण में मिल जाएंगी।
इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी हुई
तीन साल पहले हैंडहेल्ड डिवाइस से चलती ट्रेन में खाली सीट देने की शुरुआत रेलवे ने की थी। लेकिन अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी के अभाव में काफी समस्या आ रही थी। अब ट्रेनों के आवागमन के दौरान 4-जी इंटरनेट कनेक्टिविटी मिलने लगी है।
आईआरसीटीसी होगा माध्यम
ऑनलाइन टिकटिंग का काम देख रही आईआरसीटीसी को यह डिवाइस दी जाएंगी। वे अपने सॉफ्टवेयर के हिसाब से उन्हें मैच कर विभिन्न रेल मंडलों को बांटेंगे। इसके बाद रेल मंडलों की ट्रेनों के लिए उन्हें टीटीई को दे दिया जाएगा।
इन ट्रेनों में लगेंगे एसी-3 श्रेणी के एक-एक कोच
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की संख्या और वेटिंग क्लियर करने कुछ ट्रेनों में एसी-3 श्रेणी के एक-एक अतिरिक्त कोच स्थाई रूप से लगाने का निर्णय लिया है। इंदौर-हावड़ा व हावड़ा-इंदौर एक्सप्रेस, इंदौर-राजेंद्र नगर व राजेंद्र नगर-इंदौर के चारों रैक में भी एसी-3 श्रेणी का एक-एक स्थाई कोच लगा दिया गया है।
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