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अयोध्या में अवैध तरीके से ट्रस्ट को दी गई दलितों की 21 बीघा जमीन

अयोध्या
अयोध्या में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट (एमआरवीटी) को 22 अगस्त 1996 में 21 बीघा दलितों की जमीन हस्तांतरित की गई थी। सहायक अभिलेख अधिकारी यानी एआरओ अदालत ने अब इस जमीन हस्तांतरण प्रक्रिया को अवैध घोषित कर दिया है। बता दें कि जमीन पर विवाद के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2021 में जमीन हस्तांतरण और सौदे की जांच का आदेश दिए थे। हालांकि कि जांच के बाद जमीन एआरओ अदालत ने ट्रस्ट से जमीन वापस लेने के अलावा किसी तरह की कार्रवाई की संस्तुति नहीं की है।

जानकारी के मुताबिक महर्षि एमआरवीटी ने 1992 से 1996 में बरहटा माझा गांव और पास के क्षेत्रों में काफी जमीन खरीदी थी। लेकिन इसमें 21 बीघा जमीन ऐसी थी, जिस पर उत्तर प्रदेश भू राजस्व संहिता में लागू कानून का पालन नहीं किया गया। ट्रस्ट ने करीब एक दर्जन दलित व्यक्तियों की जमीन अपने एक नजदीकी रोघई के नाम खरीद ली। फिर अगस्त 1996 में रोघई ने दस रूपये के स्टांप पेपर पर यह 21 बीघा जमीन ट्रस्ट को दान कर दी। लेकिन इस जमीनों के एक मलिक ने राजस्व बोर्ड लखनऊ में शिकायत कर दी थी। फिर विभिन्न स्तर की जांच के बाद यह मामला 2021 में सहायक अभिलेख अधिकारी अदालत में भेजा गया।

अब जमीन पर सरकार का हक
एक अखबार से एआरओ ने बताया कि 21 बीघा की इस जमीन की प्रक्रिया अवैध घोषित होने के बाद यह फ्री हो गई है। यानी इस पर मालिकाना हक शून्य हो गया है। ऐसे में आदेश के बाद अब यह जमीन सरकारी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि एसडीएम को इसे ग्राम समाज की जमीन घोषित करने के लिए भी पत्रावली भेज दी गई है।