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UP Elections: 2017 में West UP बीजेपी के लिए रहा है Best, इस बार पश्चिमी यूपी से चुनाव आगाज होने से क्यों खुश है विपक्ष?

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हाइलाइट्सवेस्ट यूपी से चुनाव शुरू होने से किसानों की नाराजगी का बीजेपी को नुकसान और गैर बीजेपी दलों को हो सकता है फायदाचौधरी जयंत के लिए भी यह पहला चुनाव है, जब वह बिना चौधरी अजित सिंह के मैदान में होंगेचुनाव के पहले चरण में 10 फरवरी को वेस्ट यूपी के 11 जिलों में होंगे चुनावशादाब रिजवी, मेरठ
उत्तर प्रदेश में शनिवार को 18वीं विधानसभा के लिए चुनावी श्रीगणेश वेस्ट यूपी से कराने का चुनाव आयोग के ऐलान के साथ ही विपक्ष की मानों मुराद पूर हो गई। दरअसल, तीन कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले किसान आंदोलन के गढ़ वेस्ट यूपी से ही गैर बीजेपी दल चुनाव की शुरुआत चाहते थे। उनका मानना है कि वेस्ट यूपी से चुनाव शुरू होने से किसानों की नाराजगी का बीजेपी को नुकसान और गैर बीजेपी दलों खासकर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल को सियासी फायदा होगा। ऐसे में गठबंधन की मुराद को पूरा होने के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में बीजेपी को अपनी सीट बचाने और गैर बीजेपी दलों को अधिक सीट पाने की जंग में जोर आजमाइश करनी होगी।

विधानसभा चुनाव में सपा और रालोद की दोस्ती की भी परख होगी। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद रालोद से छिटका वोट बैंक किसान आंदोलन के बाद एकजुट माना जा रहा है। दोनों पार्टियों के समर्थक मुजफ्फरनगर की खलिश भुलाकर साथ तो आए हैं, पर बूथ पर यह कितना कारगर होंगे, यह आने वाले समय में ही साफ होगा। पिछला चुनाव रालोद ने अकेले लड़ा था। चौधरी जयंत के लिए भी यह पहला चुनाव है, जब वह बिना चौधरी अजित सिंह के मैदान में होंगे।

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वेस्ट यूपी में पहले-दूसरे और तीसरे चरण में चुनाव संपन्न हो जाएगा। चुनाव के पहले चरण में 10 फरवरी को वेस्ट यूपी के 11 जिलों शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा आगरा और अलीगढ़ की 58 सीटों पर वोटिंग होगी। दूसरे चरण में वेस्ट यूपी के नौ जिले सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर की 55 सीटों और तीसरे चरण में वेस्ट यूपी के जिलों कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा समेत प्रदेश के दूसरे जिले औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झाँसी, ललितपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज की सीटों पर वोट पड़ेंगे।

वेस्ट में बेस्ट रही है बीजेपी
2017 के चुनाव में वेस्ट यूपी में की मुरादाबाद मंडल को छोड़कर ज्यादातर सीटों पर कमल खिला था। वेस्ट यूपी में मेरठ, सहारनपुर अलीगढ़, मुरादाबाद और बरेली मंडल माना जाता है। 2017 में मेरठ मंडल में 28 में से 25 बीजेपी जीती थी और सपा, बसपा, रालोद के हिस्से में तीन सीटें आई थीं। सहारनपुर मंडल में 16 सीटों में से 12 बीजेपी, कांग्रेस और सपा के हिस्से में चार सीटें आई थीं। मुरादाबाद मंडल में 27 सीटों में से 14 पर बीजेपी जीती थी, 13 पर सपा, बसपा और अन्य ने जीत दर्ज की थी। बागपत जिले में रालोद विधायक छपरौली से जीता था, लेकिन बाद में वह भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। दरअसल, 2014 और 2019 के लोकसभा साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का गढ़ वेस्ट यूपी को सियासी जानकार कहने लगे थे, लेकिन इस बार किसान आंदोलन के बाद सरकार के खिलाफ न नाराजगी पनपने से गैर बीजेपी खासकर सपा आरएलडी गठबंदन उत्साहित हैं। अब 2022 के चुनाव में भाजपा का मुकाबला सपा-रालोद गठबंधन से तय माना जा रहा है।

कोरोना के पीक में होगी वेस्ट यूपी के वोटिंग
पहले और दूसरे चरण में चुनाव वाले वेस्ट यूपी के जिलों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। छह जिलों में कोरोना मरीजों की संख्या दस हजार के पास हो चली है। पहले चरण की तिथि दस फरवरी तक यह आंकड़े काफी बढ़ जाएंगे। फरवरी में तीसरी लहर का असर ज्यादा होने की आशंका जानकार जता रहे हैं। ऐसे में लाखों मतदाता कोरोना विस्फोट के बीच वोटिंग करेंगे। वेस्ट यूपी के तीन जिले गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ सबसे ज्यादा केस मिल रहे हैं। गौतम बुद्ध नगर यूपी में नंबर-1 पर है। संक्रमण के मामले में प्रदेश में दूसरे नंबर पर गाजियाबाद है और चौथे नंबर पर मेरठ है। इसी के साथ वेस्ट यूपी के बागपत, शामली, बिजनौर, हापुड़, अमरोहा, संभल, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है।

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) की तारीख घोषित हो चुकी है। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 7 चरण में चुनाव होंगे। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है. 17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। इनमें लगभग 61 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें 63 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं थीं, जबकि पुरुषों का प्रतिशत करीब 60 फीसदी रहा। चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया।

वहीं, अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party ) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bhartiya Janata Party) के बीच है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।