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Bundelkhand Expressway: यूपी चुनाव से पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करने की योगी सरकार की हसरत रह गई अधूरी

अनिल सिंह, बांदा
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (purvanchal expressway) का लोकार्पण होने के बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) के लोकार्पण की संभावना बढ़ गई थी। शासन स्तर से 31 दिसंबर 2021 तक बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का काम पूरा करने के निर्देश थे, ताकि विधानसभा चुनाव से पहले ही इसका लोकार्पण करा कर चुनाव में लाभ लिया जा सके, लेकिन आदर्श आचार संहिता लग जाने से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की हसरत अधूरी रह गई।

एक्सप्रेस-वे का श्रेय लेने के लिए युद्ध स्तर पर काम हुआ
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट के भरतकूप से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया था। पहले तो यह लग रहा था कि इस सरकार के रहते यह एक्सप्रेस-वे समय से तैयार नहीं हो पाएगा, लेकिन योगी सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे का श्रेय लेने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू कराया। 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के 5 जिलों चित्रकूट, बांदा के अलावा औरैया और इटावा के लोगों को भी सफर के लिए अच्छी सड़क का तोहफा मिलने वाला था।

31 दिसंबर तक एक साइड शुरू कराने का दावा
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने भी दावा किया था कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की एक साइड 31 दिसंबर तक और दोनों साइड 30 अप्रैल 2022 तक यातायात के लिए खोल दी जाएंगी। इस दावे के मुताबिक ही युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा था, लेकिन जिस गति से समय गुजर रहा था, उस गति से काम आगे नहीं बढ़ पा रहा था। इसके बारे में सदर विधायक बांदा प्रकाश द्विवेदी का मानना है कि पहले कोरोना के कारण कार्य बाधित हुआ और बाद में बारिश के कारण भी कार्य में विलंब हुआ। इससे बांदा में कार्य संतोषजनक नहीं रहा।

आचार संहिता ने सरकार की मंशा पर पानी फेरा
उधर, बांदा के केन नदी में बनने वाले पुल के लिए पिलर तो बना दिए गए, लेकिन स्लैब का कार्य पूरा नहीं हो पाया। इसी तरह कई स्थानों पर मिट्टी का कार्य ही चलता रहा। यही हाल चित्रकूट में रहा, जिससे कार्य पिछड़ता चला गया। इस बीच योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के एक साइड का उद्घाटन कराने के तैयारी में जुटी रही। सरकार का लक्ष्य था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री से करा दिया जाए, लेकिन निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता लगाकर सरकार की मंशा पर पानी फेर दिया।

बताते चलें कि चित्रकूट के भरतकूप से शुरू होकर यह एक्सप्रेस-वे इटावा जनपद के ताखा के कुदरेल गांव तक पहुंचेगा। चित्रकूट बांदा और बुंदेलखंड के अन्य जनपदों में भले ही यह काम अधूरा हो, लेकिन ताखा के कुदरैल गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के दो रैंप लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिए गए हैं, जिससे किसी भी समय आवागमन शुरू हो सकता है, लेकिन बुंदेलखंड क्षेत्र में यह कार्य पिछड़ने से विधानसभा चुनाव से पहले आवागमन शुरू नहीं हो पाया, अब आने वाली नई सरकार इसका लोकार्पण करेगी। इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण न होने से विपक्षी दल चुनाव में मुद्दा बना सकते हैं।