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आगरा में कोरोना का दोहरा वार: जांच कम संक्रमण ज्यादा, डेल्टा-ओमिक्रॉन के बाद डेल्टाक्रॉन का खतरा बढ़ा

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कोरोना की तीसरी लहर में ताजनगरी में डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट दोहरा घात कर रहा है। एक ओर संक्रमण बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर जांच कम हो रही हैं। मंगलवार को 4843 लोगों की जांच में 277 नए संक्रमित मिले हैं। 1 से 10 जनवरी तक 36710 लोगों की जांच की गई है, जबकि 21 से 31 दिसंबर तक 53249 लोगों की जांच हुई थी।
पिछले दस दिनों से संक्रमितों के संपर्क में आए चुनिंदा व लक्षण वाले लोगों की ही सैंपलिंग हो रही थी। अब आईसीएमआर की नई गाइडलाइंस आ गई है। जिसमें संपर्क में आए सभी लोगों की जांच की अनिवार्यता खत्म हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले दो दिन में 500 से अधिक संक्रमित मिले हैं। ऐसे में इनके संपर्क में 15 हजार लोगों के आने का अनुमान है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि गाइडलाइन से पहले सभी संपर्कों की जांच कर रहे थे, लेकिन सभी के सैंपल जीनोम सीक्वेसिंग के लिए नहीं भेजे गए। अब जिनमें प्रबल लक्षण हैं उनकी सैंपलिंग कराई जाएगी। जो स्वयं ठीक हो गए हैं उन्हें जांच कराने की जरूरत नहीं है।

म्यूटेशन से बन रहे नए वैरिएंट
एसएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर गोयल ने बताया कि कोरोना वायरस म्यूटेट होकर नए वैरिएंट को जन्म दे रहा है। इससे पहले डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा और अब ओमिक्रॉन वैरिएंट सामने है।

आगरा में नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग में डेल्टा और ओमिक्रॉन मिला है। ऐसे में इन दोनों के म्यूटेट होने पर डेल्टाक्रॉन का खतरा है। वैसे अभी इस वैरिएंट का देश में कोई वायरस नहीं मिला है। म्यूटेशन के कारण भविष्य में और वैरिएंट आएंगे। बेहतर यही है कि टीकाकरण और कोविड के नियमों के बीच जिंदगी जीएं।

ठीक हो चुके हैं ओमिक्रॉन-डेल्टा के मरीज
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि तीसरी लहर में सात नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट मिली है। 21 साल की युवती और 48 साल के चिकित्सक में ओमिक्रॉन और 56 साल की महिला और 40 साल के युवक में डेल्टा वैरिएंट मिला है। यह सभी ठीक हो चुके हैं। डॉक्टर फिर से सेवाएं दे रहे हैं। इसमें से युवती ट्रेस नहीं हो पा रही, लेकिन यह नमूने बीते महीने के हैं, ऐसे में वह भी ठीक हो चुकी होंगी।