हाइलाइट्ससंतों ने कहा, सीएम योगी की अयोध्या में जीत पक्की थीगोरखपुर को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं अब पूर्वांचल में सपा को करारा जवाब देने की तैयारीवीएन दास, अयोध्या
सीएम योगी आदित्यनाथ (cm yogi adityanath) के अयोध्या से चुनाव न लड़ने से अयोध्या में मायूसी का माहौल है। दो दिन पहले योगी के अयोध्या से चुनाव लड़ने की खबर पर संतो ने खुशी का इजहार करते हुए मिठाइयां बांटी थी।अब जैसे ही उनके गोरखपुर से चुनाव लड़ने के निर्णय की सूचना मिली। यह सवाल उठने लगे कि आखिर सीएम योगी अयोध्या से क्यों चुनाव नही लड़ रहे हैं, जबकि यहां से वे भारी मतों से जीतते।
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अयोध्या के संत व बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ. राम विलास वेदांती ने कहा कि मैं तो आश्वस्त था कि सीएम योगी अयोध्या से ही चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने इरादा बदल दिया, जबकि योगी जी सबसे मजबूती से अयोध्या से ही चुनाव लड़ सकते थे। वे गोरखपुर से भी उतनी मजबूती से चुनाव लड़ेंगे, इसमें संशय है। उन्होंने कहाकि शायद बीजेपी ने पूर्वांचल की सीटों पर सपा को करारा जबाव देने के लिए ही उन्हें गोरखपुर से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है।
प्रचार का अवसर खो दिया
बाबरी मस्जिद केस मे पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि सीएम ने अयोध्या के विकास के लिए बहुत काम किया है। योगी यहां से लड़ते तो मैं उनके पक्ष में प्रचार भी करता। लेकिन अब मैंने यह अवसर खो दिया है।
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कहीं से भी लडें, रिकॉर्ड वोटों से जीतेंगे
बीजेपी के क्षेत्रीय मंत्री कमलेश श्रीवास्तव का कहना है कि योगी महराज कही से भी चुनाव लड़े । उनका चुनाव एकतरफा होगा।जब उनके अयोध्या से लड़ने की संभावना प्रबल हुई तो हम लोगों ने उनके चुनाव प्रचार की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया था।उन्होंने बताया कि बीजेपी की चुनावी रणनीति के तहत ही वे गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे है।
गोरखपुर के लोगों ने की थी मांग
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का कहना है कि बड़ी संख्या मे गोरखपुर के कार्यकर्ता योगी महाराज अपने इलाके से चुनाव लड़ने के लिए पड़ाव डाले थे। इसलिए उन्होंने गोरखपुर से चुनाव लड़ने की सहमति दी। हालांकि कि अयोध्या से उनके चुनाव लड़ने से यहां का विकास और तेज गति से होता।
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वहीं राम बल्लभाकुंज मंदिर के अधिकारी महंत राजकुमार दास ने कहा कि अयोध्या से यदि सीएम योगी चुनाव लड़ते तो यहां का संत समाज उसके प्रचार में निकलता। साथ ही अयोध्या का व्यापक विकास तेजी से होता। इस बात को लेकर यहां के लोग खुश थे। लेकिन राजनीतिक निर्णय अलग ही होते है। दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, हनुमानगढ़ी के प्रधान पुजारी रमेश दास, अंजनेय सेवा समिति के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास, व्यवसायी अचल गुप्ता, सुफल चंद्र मौर्य और नितिन जायसवाल आदि ने कहा कि योगी महराज के अयोध्या से चुनाव लड़ने की संभावना को लेकर अयोध्या मे जो खुशी का माहौल था वह मायूसी में बदल गया है।
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