प्रतिबंधित दवा के सेवन की वजह से 8 महीने का बैन झेलने वाले पृथ्वी शॉ की मुंबई टीम में वापसी हो गई। रविवार को उन्होंने असम के खिलाफ 39 गेंद पर 63 रन की पारी खेली। इसके बाद दर्शक दीर्घा की तरफ बल्ला दिखाते हुए हाथ से इशारा किया। वो ये कहना चाहते थे कि उनका बल्ला बोलता है। बहरहाल, इस युवा बल्लेबाज का यह अंदाज क्रिकेट फैन्स को अहंकार की तरह दिखा और इसे पसंद नहीं किया गया। ट्विटर पर कई लोगों ने शॉ को नसीहत भी दी।
मुश्ताक अली ट्रॉफी से वापसी
शॉ को मार्च में प्रतिबंधित दवा के सेवन की वजह से 8 महीने के लिए बैन किया गया था। रविवार को मुंबई के तरफ से असम के खिलाफ उन्होंने वापसी की। टी20 मैच में उन्होंने 39 गेंद पर 63 रन की पारी खेली। 7 चौके और 2 छक्के लगाए। बीसीसीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसका ट्वीट भी किया। अर्धशतक पूरा करने के उन्होंने अभिवादन के लिए बैट उठाया और दर्शकों की तरफ हाथ से इशारा किया। संभवत: वो ये कहना चाहते थे कि अब वो नहीं, उनका बल्ला बोलेगा। कुछ वक्त पहले विराट कोहली ने भी ऑस्ट्रेलिया में इसी तरह का इशारा किया था। शॉ का अंदाज कोहली से जोड़कर देखा गया। हालांकि, दोनों की तुलना किसी भी रूप में नहीं की जा सकती।
अति आत्मविश्वास का शिकार
शुभम ने ट्वीट किया, “युवा खिलाड़ियों के साथ यही दिक्कत है। बैन के बाद कमजोर टीम के खिलाफ वापसी करते हुए अर्धशतक लगाना और फिर इस तरह का इशारा करना। शॉ को नम्रता सीखनी चाहिए। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरह का अति आत्मविश्वास नहीं चलता। मेरे शब्दों को याद रखना पृथ्वी।” एक अन्य यूजर ने भी कमोबेश यही सीख दी। कहा, “असम के खिलाफ थी आपकी यह पारी और यह अंदाज। जब इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करेंगे तो कई शून्य मिलेंगे। याद रखिए, जब बल्ला बोलता है तो फिर मुंह से कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं होती।”
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