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Sanjeev Baliyan-Naresh Tikait meeting: संजीव बालियान और नरेश टिकैत की मुलाकात… सियासी गलियारों में हलचल बढ़ी

हाइलाइट्सरालोद प्रत्याशी द्वारा नरेश टिकैत से सिंबल लिए जाने के बाद अब संजीव बालियान ने की मुलाकातमाना जा रहा है कि भाकियू की भाजपा से नाराजगी दूर हो गईकिसी भी पार्टी का कोई भी नेता आ सकता है, हम अराजनैतिक ही हैं: नरेशमिर्ज़ा गुलज़ार बेग, मुजफ्फरनगर
2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक बिसात बिछनी शुरू हो गई है। एक के बाद एक राजनीतिक दल अपने पासे फेंक रहे हैं, जिसका राजनीतिक हलकों में अपने-अपने तरीके से मतलब निकाला जा रहा है। किसानों के मसीहा कहलाए जाने वाले टिकैत परिवार का किसी भी राजनीतिक दल को समर्थन दिया जाना व विरोध करना एक अलग मायने रखता है। ऐसे में राजनीतिक दल इस परिवार का आशीर्वाद प्राप्त करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। रालोद प्रत्याशी द्वारा नरेश टिकैत से सिंबल लिए जाने के बाद अब मोदी सरकार के मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने नरेश टिकैत (naresh tikait) से उनके घर पर जाकर मुलाकात की है। इस मुलाकात को राजनीतिक गलियारों में अलग तरीके से देखा जा रहा है।

संजीव बालियान की मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि भारतीय किसान यूनियन की भाजपा व संजीव बालियान को लेकर जो नाराजगी थी, वह नाराजगी दूर हो गई है और अब भारतीय किसान यूनियन भाजपा के विरोध नहीं करेगी। दूसरी ओर नरेश टिकैत ने साफ किया है कि संजीव बालियान उनके परिवार के आदमी हैं और वे कभी भी मिल सकते हैं, उनकी मुलाकात का राजनीति से कोई मतलब न निकाला जाए। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने भी इस मुलाकात को लेकर हो रही चर्चाओं को लेकर साफ किया है कि किसानों ने भाजपा को माफ नहीं किया है, भाजपा किसी तरह के मुगालते में न रहे।

सपा-रालोद प्रत्याशियों को नरेश ने अपने हाथों से दिए थे सिंबल
बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार राजपाल बालियान व चन्दन चौहान को अपने हाथों से सिम्बल दिए थे। RLD कार्यकर्ताओं ने इसे समर्थन बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसके बाद नरेश ने कहा था कि उनके परिवार से कोई चुनाव में नहीं खड़ा हुआ है और न ही वह किसी का समर्थन कर रहे हैं। किसी भी पार्टी का कोई भी नेता आ सकता है, हम अराजनैतिक ही हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।

10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।

17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।