फिल्म अभिनेत्री और पद्मश्री कंगना रनौत ने महात्मा गांधी पर टिप्पणी की थी। इस मामले में आगरा की अदालत में मुकदमा दायर करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश के कारण गवाही प्रक्रिया पर रोक है। इस कारण अब इस मामले में 18 फरवरी की तारीख नियत की गई है।
ये था बयान
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा, राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उन्होंने 17 नवंबर को समाचार पत्रों में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी और पोस्ट को पढ़ा। इसमें लिखा था कि आजादी भीख में मिली थी और गांधी जी के अहिंसात्मक सिद्धांत (कोई तुम्हें अगर एक चांटा मारे तो दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो, मारने वाला अपने आप शांत हो जाएगा) पर भी आघात करते हुए अहिंसा के सिद्धांत का उपहास उड़ाया है।
सख्त कार्रवाई करने की मांग
अधिवक्ता ने प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, देशभक्त बलिदानियों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों समेत पूरे राष्ट्र का अपमान किया है। प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी थी। मगर, उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया। मामले में वादी अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने थे। मगर, कोविड गाइडलाइन के चलते गवाही की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक है। अगली तारीख 18 फरवरी है।
फिल्म अभिनेत्री और पद्मश्री कंगना रनौत ने महात्मा गांधी पर टिप्पणी की थी। इस मामले में आगरा की अदालत में मुकदमा दायर करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। उच्च न्यायालय द्वारा जारी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश के कारण गवाही प्रक्रिया पर रोक है। इस कारण अब इस मामले में 18 फरवरी की तारीख नियत की गई है।
अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा, राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में लिखा कि उन्होंने 17 नवंबर को समाचार पत्रों में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणी और पोस्ट को पढ़ा। इसमें लिखा था कि आजादी भीख में मिली थी और गांधी जी के अहिंसात्मक सिद्धांत (कोई तुम्हें अगर एक चांटा मारे तो दूसरा गाल भी उसके सामने कर दो, मारने वाला अपने आप शांत हो जाएगा) पर भी आघात करते हुए अहिंसा के सिद्धांत का उपहास उड़ाया है।
अधिवक्ता ने प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि अभिनेत्री ने अपनी टिप्पणी से महात्मा गांधी, देशभक्त बलिदानियों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों समेत पूरे राष्ट्र का अपमान किया है। प्रधानमंत्री को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी थी। मगर, उन्होंने ऐसा न कर अपने कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व का पालन नहीं किया। मामले में वादी अपने बयान दर्ज करा चुके हैं। अन्य गवाहों के बयान दर्ज होने थे। मगर, कोविड गाइडलाइन के चलते गवाही की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक है। अगली तारीख 18 फरवरी है।
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