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कानपुर: प्रत्याशियों से ज्यादा बदल गए समीकरण, भाजपा की सपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर

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भाजपा की ओर से तीसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अधिकृत सूची जारी होने के साथ ही जीत-हार का गणित तेज हो गया। कई सीटों पर भाजपा की सपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर होने की चर्चा है। प्रत्याशियों के चेहरे पर टिकट पाने की खुशी जरूर दिख रही है, लेकिन इस बार के चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं होगी।

वजह यह है कि इस बार प्रत्याशियों से ज्यादा चुनावी समीकरण बदल गए हैं। वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को जहां मोदी लहर का फायदा मिला था, वहीं सपा और कांग्रेस के गठबंधन की वजह से शहरी क्षेत्र की तीन सीटों पर विपक्ष को जीत मिली थी। इस बार मोदी लहर का असर पहले जैसा नहीं नजर आ रहा। हालांकि, सपा और कांग्रेस भी एक साथ नहीं हैं।

ऐसे में प्रत्याशियों के बीच मुकाबले के नए समीकरण सामने आ सकते हैं। तस्वीर सभी दलों के प्रत्याशी सामने आने के बाद साफ होने की उम्मीद है। भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति पर काम करते हुए अब तक कानपुर नगर और देहात जिले की तीन सीटों पर चेहरे बदले हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा सीसामऊ और आर्यनगर सीट की है।

सीसामऊ में पिछली बार सपा से शिकस्त पाए सुरेश अवस्थी को आर्यनगर और आर्यनगर में सपा से हारे सलिल विश्नोई को सीसामऊ में उतारा गया है। शहर की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रत्याशियों के बीच इसी तरह की स्थिति रहने की बात कही जा रही है। जहां-जहां चेहरे दोहराए गए हैं, वहां अपनों को समझाना भी प्रत्याशियों के लिए मुश्किल होगा।

भाजपा की ओर से तीसरे चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों की अधिकृत सूची जारी होने के साथ ही जीत-हार का गणित तेज हो गया। कई सीटों पर भाजपा की सपा, कांग्रेस और बसपा के प्रत्याशियों से कड़ी टक्कर होने की चर्चा है। प्रत्याशियों के चेहरे पर टिकट पाने की खुशी जरूर दिख रही है, लेकिन इस बार के चुनाव में जीत हासिल करना आसान नहीं होगी।

वजह यह है कि इस बार प्रत्याशियों से ज्यादा चुनावी समीकरण बदल गए हैं। वर्ष-2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों को जहां मोदी लहर का फायदा मिला था, वहीं सपा और कांग्रेस के गठबंधन की वजह से शहरी क्षेत्र की तीन सीटों पर विपक्ष को जीत मिली थी। इस बार मोदी लहर का असर पहले जैसा नहीं नजर आ रहा। हालांकि, सपा और कांग्रेस भी एक साथ नहीं हैं।

ऐसे में प्रत्याशियों के बीच मुकाबले के नए समीकरण सामने आ सकते हैं। तस्वीर सभी दलों के प्रत्याशी सामने आने के बाद साफ होने की उम्मीद है। भाजपा ने डैमेज कंट्रोल की रणनीति पर काम करते हुए अब तक कानपुर नगर और देहात जिले की तीन सीटों पर चेहरे बदले हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा सीसामऊ और आर्यनगर सीट की है।

सीसामऊ में पिछली बार सपा से शिकस्त पाए सुरेश अवस्थी को आर्यनगर और आर्यनगर में सपा से हारे सलिल विश्नोई को सीसामऊ में उतारा गया है। शहर की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रत्याशियों के बीच इसी तरह की स्थिति रहने की बात कही जा रही है। जहां-जहां चेहरे दोहराए गए हैं, वहां अपनों को समझाना भी प्रत्याशियों के लिए मुश्किल होगा।