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UP Chunav: मांट के बाद बिजनौर में RLD-SP दोनों ने अपने उम्मीदवारों को दे दिया फॉर्म-B,जानें होता क्या है?

लखनऊ: मथुरा के मांट सीट के बाद अब बिजनौर सदर सीट से सपा और गठबंधन के दोनों प्रत्याशी अपने-अपने टिकट का दावा करते हुए आमने सामने नजर आ रहे हैं. सपा प्रत्याशी का कहना है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा उन्हें बिजनौर सदर सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने के निर्देश मिले हैं. जबकि गठबंधन के प्रत्याशी का कहना है कि जयंत चौधरी ने उन्हें इस सीट से सिंबल देखकर चुनावी मैदान में उतारा है. बहरहाल दोनों प्रत्याशी अपनी दावेदारी को लेकर आमने सामने नजर आ रहे हैं.

बिजनौर सदर सीट से जयंत चौधरी ने डॉक्टर नीरज चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाते हुए उन्हें सिंबल जारी कर चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रत्याशी बनाया है. जबकि दूसरी तरफ सपा के डॉ. रमेश तोमर का कहना है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने उन्हें सपा के सिंबल पर बिजनौर सदर सीट से प्रत्याशी बनाकर जनता के बीच में भेजने का काम किया है. इस दावे को लेकर दोनों पार्टी के प्रत्याशी अपने को सदर सीट से प्रत्याशी बता रहे हैं. बरहाल इस सीट को लेकर आरएलडी के जिलाध्यक्ष अदनान का कहना है कि इस सीट से गठबंधन ने डॉक्टर नीरज को अपना प्रत्याशी बनाया है और टिकट को लेकर चल रहे संशय जल्द ही दूर हो जाएगा. इस सीट से गठबंधन का प्रत्याशी कोई और नहीं बल्कि डॉक्टर नीरज चौधरी ही हैं.

क्या है फॉर्म बी
हर राजनीतिक दल अपने अधिकृत प्रत्याशी को प्रमाण पत्र जारी करता है। इसे साधारण शब्दों में सिंबल कहा जाता है। चुनाव आयोग की ओर से नामांकन दाखिल करने वाले फॉर्म में इसे फॉर्म-बी के नाम से जाना जाता है। इसके आधार पर उम्मीदवार को नामांकन के बाद आगे की प्रक्रिया को पूरी कराई जाती है। उम्मीदवार को इस आधार पर संबंधित पार्टी का चुनाव चिन्ह आयोग की ओर से आबंटित किया जाता है। अगर किसी पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार होने के बाद भी अगर फॉर्म बी नहीं जमा कराया जाता है तो फिर उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह की जगह स्वतंत्र प्रत्याशियों के लिए निर्धारित चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए जाते हैं। इसलिए, फॉर्म-बी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

क्या है मांट सीट का मामला
पहले चरण के नामांकन के आखिरी दिन शहर सीट पर अपने प्रत्याशी को लेकर समाजवादी पार्टी ने लोगों को गफलत में डाल दिया। देर रात प्रत्याशी बदलने का ऐलान किया गया तो नेता ने नामांकन के आखिरी दिन नॉमिनेशन की तैयारी कर डाली। सोशल मीडिया पर भी खबर तेजी के साथ वायरल हुई लेकिन सूरज चढ़ने के साथ ही पार्टी ने अपना निर्णय बदल दिया। पार्टी ने पहले प्रत्याशी को ही चुनाव मैदान में रखने का ऐलान कर दूसरे प्रत्याशी को नामांकन करने जाने से रोक दिया और बी-फॉर्म वापस मंगा लिया।

जानकारी के अनुसार, एसपी-आरएलडी गठबंधन में जिले की 5 विधानसभा सीटों पर सहमति बनी जिसमें गोवर्धन, छाता और बलदेव सीट आरएलडी को दी गई जबकि मांट और मथुरा-वृंदावन सीट एसपी के खाते में आई। समाजवादी पार्टी ने शहर सीट से सादाबाद के पूर्व विधायक देवेंद्र अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर उन्हें बी फॉर्म दे दिया।

पार्टी प्रत्याशी घोषित होने के बाद देवेंद्र ने अपना नामांकन भी कर दिया लेकिन गुरुवार की रात अचानक प्रत्याशी को लेकर हलचल हुई और पार्टी ने देवेंद्र अग्रवाल का टिकट काट अनिल अग्रवाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया। मथुरा सीट पर एसपी में हुए इस बदलाव को लेकर सोशल मीडिया पर खबरें भी चलने लगी। शुक्रवार सुबह अनिल अग्रवाल को नामांकन करना था और सारी तैयारियां पूरी कर ली गई लेकिन इसी बीच पार्टी ने एक बार फिर अपना फैसला बदलते हुए अनिल अग्रवाल को नामांकन करने जाने से मना करते हुए उनका टिकट काट देवेंद्र अग्रवाल को ही प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया।

मांट सीट पर गठबंधन में रार के हालात
मांट विधानसभा सीट एसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए मुसीबत बन गई है। दरअसल, यह सीट एसपी के खाते में होने की वजह से पार्टी ने संजय लाठर को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया और बी फॉर्म दे दिया लेकिन इसी दौरान आरएलडी ने भी इसी सीट पर योगेश नौहवार को प्रत्याशी घोषित कर बी-फॉर्म जारी कर दिया। दोनों ही प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया।

गठबंधन की ओर से दो अलग-अलग प्रत्याशी होने के बाद आरएलडी ने अपने प्रत्याशी योगेश नौहवार से नामांकन ना करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने फिर भी नामांकन कर दिया। बाद में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उनसे पर्चा वापस लेने के लिए भी कहा लेकिन योगेश नौहवार चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हैं। उनका कहना है कि इस सीट पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी या उनकी पत्नी चारू चौधरी चुनाव लड़ेंगे तो ही वह चुनाव से अपना पर्चा वापस लेंगे, नहीं तो चुनाव लड़ेंगे।

UP Chunav: मांट के बाद बिजनौर में RLD-SP दोनों ने अपने उम्मीदवारों को दे दिया फॉर्म-B,जानें होता क्या है?