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Allahabad High Court : सक्षम प्राधिकारी के आदेश में दखल देने से हाईकोर्ट का इनकार

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मान्यता प्राप्त स्कूल की भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पहले ही सरकारी आदेश जारी होने से याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में जब डीआईओएस ने आदेश जारी किया है तो उसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

अगर सरकारी आदेश का पालन नहीं होता है तो याची सक्षम प्राधिकारी के समक्ष मामले को उठा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। खंडपीठ राधेश्याम पांडेय की ओर से जनहित दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि मान्यता प्राप्त स्कूलों में व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 सितंबर 2009 को आदेश जारी किया था। इसी आदेश के क्रम में डीआईओएस महराजगंज ने भी पांच जुलाई 2021 को आदेश जारी कर स्कूल में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि जब सरकार के आदेशों का पालन कराने के लिए सक्षम अधिकारी ने आदेश जारी किया है, जो कि याची की शिकायत को ध्यान में रखते हुए किया गया तो इस मामले में कोर्ट को आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। अगर सरकारी आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो याची सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

क्या था मामला
याची राधेश्याम पांडेय ने कोर्ट के समक्ष राधा कुमार इंटर कॉलेज थुथीबाड़ी महराजगंज में व्यावसायिक गतिविधियां होने का आरोप लगाकर उस पर रोक लगाने की मांग की थी। याची ने कहा कि यह स्कूल आर्य विद्या प्रसाद समिति थुथीबाड़ी महराजगंज के नाम पंजीकृत सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है। जो कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान कर रहा है।

स्कूल की खुली पड़ी जमीन को मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को सड़क विक्रेताओं को देकर उनसे कमाई की जा रही है। इसके अलावा शादी समारोह व अन्य समारोह के लिए भी खुली भूमि के इस्तेमाल के लिए प्रस्ताव किया जाता है। याची ने इस पर रोक लगाकर आदेश जारी करने की मांग की थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मान्यता प्राप्त स्कूल की भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए पहले ही सरकारी आदेश जारी होने से याचिका पर आदेश देने से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले में जब डीआईओएस ने आदेश जारी किया है तो उसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

अगर सरकारी आदेश का पालन नहीं होता है तो याची सक्षम प्राधिकारी के समक्ष मामले को उठा सकता है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। खंडपीठ राधेश्याम पांडेय की ओर से जनहित दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि मान्यता प्राप्त स्कूलों में व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 29 सितंबर 2009 को आदेश जारी किया था। इसी आदेश के क्रम में डीआईओएस महराजगंज ने भी पांच जुलाई 2021 को आदेश जारी कर स्कूल में होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि जब सरकार के आदेशों का पालन कराने के लिए सक्षम अधिकारी ने आदेश जारी किया है, जो कि याची की शिकायत को ध्यान में रखते हुए किया गया तो इस मामले में कोर्ट को आदेश पारित करने की आवश्यकता नहीं रह जाती है। अगर सरकारी आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो याची सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

याची राधेश्याम पांडेय ने कोर्ट के समक्ष राधा कुमार इंटर कॉलेज थुथीबाड़ी महराजगंज में व्यावसायिक गतिविधियां होने का आरोप लगाकर उस पर रोक लगाने की मांग की थी। याची ने कहा कि यह स्कूल आर्य विद्या प्रसाद समिति थुथीबाड़ी महराजगंज के नाम पंजीकृत सोसाइटी की ओर से संचालित किया जा रहा है। जो कक्षा एक से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान कर रहा है।

स्कूल की खुली पड़ी जमीन को मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को सड़क विक्रेताओं को देकर उनसे कमाई की जा रही है। इसके अलावा शादी समारोह व अन्य समारोह के लिए भी खुली भूमि के इस्तेमाल के लिए प्रस्ताव किया जाता है। याची ने इस पर रोक लगाकर आदेश जारी करने की मांग की थी।