उत्तर प्रदेश के चुनावी समर की बिसात बिछ चुकी है। सभी दलों ने पहले चरण के मतदान के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है और बड़े नेता, स्टार प्रचारक और जमीनी नेता अपने वोटरों को रिझाने के लिए मैदान में हैं। हर दल अपनी तरह से वोटरों के मुद्दों को अपना एजेंडा बनाकर उसे पूरा करने का वादा कर रहा है। ऐसे ही कुछ मुद्दों में पुरानी पेंशन का मुद्दा भी है जो प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए लंबे समय से आंदोलन की वजह बना हुआ है। इसे लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा वादा भी कर दिया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो पुरानी पेंशन योजना की बहाली प्रदेश में होगी। इसी को लेकर जब खास बातचीत में मुख्यमंत्री योगी से सवाल किया तो जानिए उन्होंने क्या कहा….
अखिलेश यादव ने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की बात कही है। यह कर्मचारियों की पुरानी मांग भी है। इस पर कर्मचारियों में खासी प्रतिक्रिया है। क्या यह मुद्दा चुनाव में आपके लिए बड़ी चुनौती होगा?
सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, इससे बड़ा सफेद झूठ दूसरा हो ही नहीं सकता। न्यू पेंशन स्कीम मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए 2004 में लागू की थी। 2007 तक मुलायम मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया। 2012 से 2017 तक अखिलेश मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कुछ नहीं किया। नई पेंशन में 10 प्रतिशत सरकार व 10 प्रतिशत कर्मचारी का अंशदान होता था।
वह आगे बोले, 2004 से 2018 तक 14 वर्षों का कर्मचारियों का अंशदान तक जमा नहीं किया गया था। जब हमारे संज्ञान में यह मामला लाया गया तो कर्मचारी अंशदान निधि में 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराया गया। हर कर्मचारी का अकाउंट खोलने का काम शुरू किया गया। यही नहीं राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत मेरी ही सरकार ने किया। सपा सरकार कर्मचारियों का शोषण कर उन्हें बेवकूफ बना रही थी। इसलिए इससे बड़ा कोई धोखा हो ही नहीं सकता। वह अपना मुंह छिपाने के लिए और जगह बनाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।
सीएम ने अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा, सपा को पता है कि उनकी सरकार नहीं आनी है। इसलिए, वह प्रदेश में कहीं वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं, तो कहीं इस तरह के बयानों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेश की जनता-जनार्दन जानती है कि समाजवादी पार्टी और सत्य नदी के दो ध्रुव हैं। ये कभी एक नहीं हो सकते। सपा कभी सच बोल ही नहीं सकती।
उत्तर प्रदेश के चुनावी समर की बिसात बिछ चुकी है। सभी दलों ने पहले चरण के मतदान के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है और बड़े नेता, स्टार प्रचारक और जमीनी नेता अपने वोटरों को रिझाने के लिए मैदान में हैं। हर दल अपनी तरह से वोटरों के मुद्दों को अपना एजेंडा बनाकर उसे पूरा करने का वादा कर रहा है। ऐसे ही कुछ मुद्दों में पुरानी पेंशन का मुद्दा भी है जो प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए लंबे समय से आंदोलन की वजह बना हुआ है। इसे लेकर अखिलेश यादव ने बड़ा वादा भी कर दिया है कि अगर उनकी सरकार बनी तो पुरानी पेंशन योजना की बहाली प्रदेश में होगी। इसी को लेकर जब खास बातचीत में मुख्यमंत्री योगी से सवाल किया तो जानिए उन्होंने क्या कहा….
अखिलेश यादव ने राज्य कर्मचारियों की पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की बात कही है। यह कर्मचारियों की पुरानी मांग भी है। इस पर कर्मचारियों में खासी प्रतिक्रिया है। क्या यह मुद्दा चुनाव में आपके लिए बड़ी चुनौती होगा?
सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, इससे बड़ा सफेद झूठ दूसरा हो ही नहीं सकता। न्यू पेंशन स्कीम मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए 2004 में लागू की थी। 2007 तक मुलायम मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं किया। 2012 से 2017 तक अखिलेश मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने कुछ नहीं किया। नई पेंशन में 10 प्रतिशत सरकार व 10 प्रतिशत कर्मचारी का अंशदान होता था।
वह आगे बोले, 2004 से 2018 तक 14 वर्षों का कर्मचारियों का अंशदान तक जमा नहीं किया गया था। जब हमारे संज्ञान में यह मामला लाया गया तो कर्मचारी अंशदान निधि में 10 हजार करोड़ रुपये जमा कराया गया। हर कर्मचारी का अकाउंट खोलने का काम शुरू किया गया। यही नहीं राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत मेरी ही सरकार ने किया। सपा सरकार कर्मचारियों का शोषण कर उन्हें बेवकूफ बना रही थी। इसलिए इससे बड़ा कोई धोखा हो ही नहीं सकता। वह अपना मुंह छिपाने के लिए और जगह बनाने के लिए इस तरह की बातें कर रहे हैं।
सीएम ने अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा, सपा को पता है कि उनकी सरकार नहीं आनी है। इसलिए, वह प्रदेश में कहीं वर्ग संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं, तो कहीं इस तरह के बयानों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, प्रदेश की जनता-जनार्दन जानती है कि समाजवादी पार्टी और सत्य नदी के दो ध्रुव हैं। ये कभी एक नहीं हो सकते। सपा कभी सच बोल ही नहीं सकती।
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