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Uttar Pradesh Chunav: बाबू सिंह कुशवाहा-ओवैसी के बीच गठबंधन, क्‍या बुंदेलखंड की कई सीटों पर पड़ेगा असर

अनिल सिंह, बांदा: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Elections 2022) का शंखनाद हो चुका है। बहुजन समाज पार्टी का बड़ा चेहरा रहे बाबू सिंह कुशवाहा (Babu Singh Kushwaha) की जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) और असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बीच गठबंधन हुआ है। इसमें उत्तर प्रदेश के कई सीटों के साथ बुंदेलखंड की कई सीटों पर व्यापक असर पड़ेगा। दोनों दलों के बीच हुए समझौते के अनुसार बुंदेलखंड की सभी सीटों पर इनके साझा उम्मीदवार ताल ठोंक सकते हैं।

बहुजन समाज पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा बसपा से बाहर होने के बाद काफी अरसे से अपनी पार्टी की पहचान बनाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। उन्होंने 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से गठबंधन किया था। गठबंधन के दौरान समझौते में उन्हें 7 सीटें दी गई थी। इनमें से बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी चंद्रौली और उनके भाई की शिव शरण कुशवाहा झांसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों को सफलता नहीं मिली थी। हालांकि 2014 में बाबू सिंह की पत्नी शिवकन्या गाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ी थी और उन्हें तीन लाख से अधिक मत मिले थे। कई साल से संघर्ष कर रहे बाबू सिंह कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी लोकसभा या विधानसभा में पहुंचने नाकाम रही है।

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पिछड़े वर्ग के मतदाताओं में अच्छी पकड़
इस बार भी बाबू सिंह कुशवाहा भाजपा के साथ गठबंधन के लिए हाथ पैर मारते रहे हैं लेकिन सफलता नहीं मिली। अब ओवैसी से उनकी पार्टी का गठबंधन हुआ है। गठबंधन के तहत कुशवाहा सीएम का चेहरा होंगे। बाबू सिंह कुशवाहा जनपद बांदा के रहने वाले हैं। बसपा के शासनकाल में वह एक कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते थे और अपनी साख बनाने के लिए उन्होंने किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि बुंदेलखंड में वह किसी की पहचान के मोहताज नहीं है।

अब तक दोनों दलों के तीन प्रत्याशी घोषित
पिछड़े वर्ग के मतदाताओं में उनकी अच्छी खासी पकड़ है। साथ ही बसपा के परंपरागत मतदाताओं में भी वह सेंधमारी कर सकते हैं। फिलहाल बुंदेलखंड की 19 सीटों में दोनों पार्टियों के साझा उम्मीदवार उतरने की संभावना है। इस बारे में एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष वाजिद अली का कहना है कि बांदा सदर सीट से जन अधिकार पार्टी ने पहले ही अपना प्रत्याशी हनुमान प्रसाद राजपूत को घोषित कर दिया है। इसके अलावा जिले की 3 सीटें और है इनमें प्रत्याशियों के नाम तय होने हैं।

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उनका दावा है कि उनकी पार्टी कम से कम 4 सीटों में लड़ेगी। झांसी से पार्टी ने सैयद सादिक अली को प्रत्याशी घोषित किया है जबकि बबीना गरौठा से जन अधिकार पार्टी की ओर से अपना प्रत्याशी खड़ा किया गया है। उन्होंने बताया कि बांदा की चारों विधानसभाओं में 25 से 30 हजार मुस्लिम मतदाता है और इसके बाद कुशवाहा, मौर्य व अन्य पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद है जो गठबंधन के प्रत्याशियों पक्ष में मतदान करेंगे तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे।

गठबंधन के प्रत्याशी समीकरण बदल देंगे
जन अधिकार की पार्टी के वरिष्ठ नेता और झांसी लोकसभा क्षेत्र से 2019 में प्रत्याशी रहे शिवशरण कुशवाहा बताते हैं कि इस गठबंधन का पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक असर पड़ेगा। उनका कहना है कि प्रदेश की हर सीट पर कुशवाहा, मौर्य, शाक्य और सैनी मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है और हर सीट पर मुस्लिम मतदाता भी है। इन सीटों पर गठबंधन के सशक्त प्रत्याशी उतारे जाएंगे तो निश्चित समीकरण बदल जाएंगे।