डाॅ. रमन सिंह द्वारा विदेश भम्रण पर पूछे गए सवाल से प्रदेश के आईएएस अधिकारियों में भारी नाराजगी। आईएएस अधिकारियों का कहना है कि जो भी अधिकारी विदेश यात्रा में गए है वो पूववर्ती सरकार की अनमुति से और स्वयं के खर्चे पर विदेश भम्रण किया , न कि राज्य सरकार के खर्चे से निजी यात्राएं की है । इस मुद्दे को लेकर आईएएस एसोशिएशन जल्द ही एक महत्वपूर्ण मीटिंग भी करने वाला है |
भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के द्वारा जारी सर्कुलर क्रमांक 11019/06/2001-AIS-III दिनांक 5 दिसंबर 2007 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि आल इंण्डिया सर्विसेस के लिए निजी रूप से विदेश यात्रा के लिए अनुमति की जरूरत नही है।
आज विधानसभा में डाॅ. रमन सिंह द्वारा अपने ही कार्यकाल के दौरान आईएएस अधिकारियों के विदेश यात्रा को लेकर पूछे गए प्रश्न में वे स्वयं ही बूरी तरह फंस गए है, जिसमें उन्होंने पिछले 15 सालों में उनकी सरकार में उन्ही की सेवा में लगे अधिकारियों की निष्ठा पर सवालिया निशान लगाया है। इसी तरह डाॅ. रमन सिंह विधानसभा में एक और प्रश्न नाॅन घोटले पर भी पूछ गए अपने ही प्रश्न पर स्वंय ही घिर चुके है ।
उन्होंने पूछा था कि हाईकोर्ट में दायर नान प्रकरण में पीआईएल में शासन ने किन किन निजी वकीलों को नियुक्त किया है। क्या इनके लिए शासकीय विमान का उपयोग किया गया है।
यह प्रश्न डॉ. सिंह पर भारी पड़ गया जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जबाव में यह कहा कि नॉन की डायरी में सीएम सर, और सीएम मैडम कौन है, यह जानने के लिए हमने एसआईटी का गठन किया है। पहले इस मामले की पूरी जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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