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Editorial :- राजीव धवन के प्रतिरूप मनमोहन सिंह ? कांग्र्रेस की साजिश : नरसिम्हा राव को सजा?

6 December 2019

सुप्रीम कोर्ट के प्रतिष्ठित हिन्दू वकील ने  मुस्लिम पक्षकारों के पक्ष में दलील देते हुए बहस के दौरान कोर्ट में राम मंदिर का नक्शा  तक  फाड़ दिये थे। उसके बाद कोर्ट के बाहर प्रेस कांफे्रंस लेकर उन्होंने कहा कि मुस्लिम नहीं, हिंदू बिगाड़ते हैं शांति व्यवस्था।

 सिख प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री पद का अपमान किया था। उस समय यूपीए का शासन बैकडोर से गांधी परिवार ही चला रहा था। उन्हीं के इशारे पर मनमोहन सिंह चलते थे।

आज  मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगर तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मानी होती तो दिल्ली में सिख नरसंहार से बचा जा सकता था। यह कहकर वे एक प्रकार से राजीव धवन जी के प्रतिरूप बन गये हैं।

मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता इंद्र कुमार गुजराल ने नरसिम्हा राव से आर्मी को तैनात करने के लिए कई बार कहा जिसे नरसिम्हा राव ने नहीं माना वर्ना दंगों को रोका जा सकता था. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि सिख दंगों में कांग्रेस की साजिश तो नरसिम्हा राव को सजा क्यों? सिख दंगों पर गांधी परिवार को मनमोहन सिंह की क्लीन चिट दी जा रही है?

उन्होंने यह वक्तव्य ३० नवंबर के निम्रलिखित समाचार के बाद दिया है। 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में  सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1984 सिख दंगा मामलों के संबंध में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) शिव नारायण ढींगरा के तहत विशेष जांच दल द्वारा एक सीलबंद कवर में प्रस्तुत रिपोर्ट पर विचार करेगी. यह मामले पूर्व में सीबीआई ने सबूतों के अभाव में बंद कर दिए थे. मामले की सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी.आपको बता दें कि एसएन ढींगरा की अगुवाई वाली स्ढ्ढञ्ज सुप्रीम कोर्ट में पहले ही यह रिपोर्ट सौंप चुका है. इसमें 186 मामले सबूतों और गवाहों के अभाव के चलते बंद कर दिए गए थे. सीबीआइ के इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने एसआइटी का गठन किया था, जिसके अगुवा एसएन ढींगरा थे.

नरसिम्हा राव के पोते एन वी सुभाष ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है “उनको (पूर्व पीएम मनमोहन सिंह) ये जानकारी होना चाहिए कि सिर्फ एक गृहमंत्री कुछ निर्णय नहीं ले सकते हैं. अगर कुछ इल्जाम लगाना है तो पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी पर इल्जाम लगाना चाहिए, राजीव गांधी की सरकार थी, उन पर इल्जाम लगाना था और नरसिम्हा राव का देहांत के 15 साल बाद ये मुद्दा उठाना इससे हमलोग आहत है हम इसका विरोध करते हैं.” उन्होंंने यह भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने हमेशा नेहरू-गांधी परिवार से बाहर के नेताओं की अनदेखी की है।

‘पीवी नरसिम्हा राव के साथ किए गए अन्याय के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिएÓ

यह सर्वविदित है कि इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राजीव गांधी ने ये कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। और उसके उपरांत कांग्रेस नेताओं के इशारे पर जिस प्रकार से सिखो का नरसंहार हुआ इसका विस्तृत विवरण मीडिया में प्रकाशित हेाते रहा है और हो रहा है।

एक प्रकार से मनमोहन सिंह ने सिखों के कतलेआम करने वालों और राजीव गांधी को क्लीनचीट देने के लिये वक्तव्य दिया है।